ग्रामीण बच्चों को मिलेगा कैलाश खेर के साथ गाने का मौका
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री।
देश की पहली नॉरिश जिंगल प्रतियोगिता में पदमश्री कैलाश खेर के साथ गाने के लिए अभी तक लाखों प्रतियोगियों ने भागीदारी की है, लेकिन इनमें गांव के बच्चों की भागीदारी बहुत कम रही है। यह देखकर नॉरिश के कार्यकारी अधिकारी आशीष खंडेलवाल ने सोचना शुरू किया कि गांवों में रहने वाले बच्चों को अधिक मौके कैसे मिलें। इसके लिये आशीष खंडेलवाल ने कैलाश खेर से सलाह करके 15 छोटे ट्रकों को स्टेज का रूप देकर साउंड सिस्टम के साथ उत्तर प्रदेश के विभिन्न गांवों में भेजना शुरू किया। उनकी टीम गांव के बच्चों को गाने का मौका देकर उनके वीडियो तैयार करती है, फार्म भरती है और वीडियो को प्रतियोगिता के मानकों के अनुसार अपलोड करती है।आशीष खंडेलवाल का कहना है कि इस प्रयोग से अब गांव के बच्चों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का भरपूर मौका मिल रहा है। यही इस प्रतियोगिता का उद्देश्य भी है कि कोई भी प्रतिभाशाली बच्चा कहीं छूटना नहीं चाहिए।कैलाश खेर का भी मानना है कि यह बहुत अच्छा प्रयोग है। गांवों के बच्चे इस प्रतियोगिता का हिस्सा बनें और अपनी प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। क्या पता विजेता इन्ही में से कोई हो।ज्ञात हो कि नॉरिश फूड और बी एल ग्रुप ने देश की पहली डिजिटल जिंगल गाने की प्रतियोगिता की शुरुआत पिछले दिनों की, जिसमें 6 से 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चे प्रतिभागी बन सकते हैं।बच्चे कैलाशखेर के गाये नॉरिश जिंगल को अपने अंदाज में गाकर या वाद्ययंत्र पर बजाकर उसका वीडियो अपलोड करके प्रतियोगिता में भाग ले सकते है। विजेताओं को 2 लाख रुपये नॉरिश के गिफ्ट हैम्पर के साथ ही, कैलाश खेर के साथ वीडियो में शामिल होने का मौका मिलेगा।