काेरोना वायरस का संदिग्ध मरीज पीजीआई में एडमिट, निगरानी में

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  • चीन से कुछ दिन पहले लौटा है 28 साल का युवक, घरवाले भी डॉक्टरों की निगरानी में, मोहाली का रहने वाला है परिवार 
  •  एडवाइजरी के बावजूद पीजीआई ने हेल्थ डिपार्टमेंट को नहीं दी जानकारी, सुबह 10 से 11 बजे पहुंचा पेशेंट, सिर्फ एनआईवी में हो सकती है टेस्टिंग

Dainik Bhaskar

Jan 28, 2020, 07:49 AM IST

चंडीगढ़ . पीजीआई में सोमवार को कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज दाखिल हुआ है। लक्षणों और ट्रैवल रिकॉर्ड को देखते हुए मरीज को तुरंत आइसोलेटेड वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार 28 साल का यह युवक हाल ही में चीन से लौटा था। सुबह 10 से 11 बजे के बीच दाखिल हुए मरीज के घरवालों को भी आइसोलेट किया गया है। हालांकि पीजीआई के अधिकारी इस बात को यह कहते हुए टाल रहे हैं कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। पंजाब का मामला है।

पंजाब का हेल्थ डिपार्टमेंट ही आइसोलेट करेगा।बेशक हेल्थ डिपार्टमेंट दो दिन पहले ही इस बारे में एडवाइजरी जारी कर चुका है कि संदिग्ध मरीजों की जानकारी तुरंत डिपार्टमेंट को दी जाए, लेकिन पीजीआई ने अभी तक इस बारे में जानकारी हेल्थ डिपार्टमेंट को नहीं दी है। सोमवार को फिर से उन्होंने इस बारे में जानकारी दी है। मरीज का सैंपल लेकर नेशनल वायरलोजॉजी इंस्टीट्यूट पुणे भेज दिया गया है। सूत्रों के अनुसार मोहाली के इस मरीज के बारे में कोई भी जानकारी न देने के लिए स्टाफ मेंबर को सख्त हिदायत दी गई है। नर्सिंग स्टाफ और हॉस्पिटल अटेंडेंट्स को भी निर्देश दिए गए हैं। 

क्या है कोरोना वायरस 

कोरोना वायरस जानवरों में पाया जाने वाला काॅमन वायरस है। रेअर केसेज यानि जूनोटिक में ये जानवरों से पशुओं में पहुंचता है। इसकी वजह से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इलनेस हो सकती है जो आम जुकाम की तरह है।

ऐसे फैलता है ये

कोरोना वायरस में इनफेक्टेड आदमी के छींकने या खांसने से ये हवा में फैलता है। पर्सनल काॅन्टैक्ट यानि छूने व हाथ मिलाने से, वायरस ग्रस्त सामान या सरफेस को छूने के बाद मुंह को छूने या बिना हाथ धोए नाक और आंखों को छूने से ये फैलता है।

लक्ष्ण 
नाक का लगातार बहना, गला खराब, सिरदर्द, फीवर, कफ और सांस लेने में दिक्कत।

चंडीगढ़ में ये इंतजाम 
डायरेक्टर हेल्थ डॉ. जी दीवान ने बताया कि यूटी के सभी सरकारी अस्पतालों में एक आइसोलेट वार्ड तैयार किया गया है। स्वाइन फ्लू के कारण ये वार्ड पहले से ही बनाए गए हैं। 

मोहाली : 104 नंबर की हेल्पलाइन शुरू हो गई है। कोई प्राॅब्लम हो तो यहां काॅल कर सकते हैं। फेज-6 के सिविल हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड बनाए हुए हैं। 

पंचकूला : जनरल अस्पताल में न तो अलग से आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है और न अवेयरनेस के लिए काम किया जा रहा है। सिर्फ टीमें बनाने के दावे हो रहे हैं। 

इस वायरस से सांस लेने में दिक्कत होती है

डायरेक्टर हेल्थ बताते हैं कि स्वाइन फ्लू जिसे अब सीजनल इनफ्ल्यूएंजा के नाम से जाना है और कोरोना वायरस के बीच फर्क करना बहुत मुश्किल है। कॉमन जुकाम में अौर इसमें शुरुआत में अंतर करना मुश्किल है। इनफ्ल्यूएंजा या काेरोना वायरस में अंतर ये है कि कोरोना वायरस में सांस लेने में दिक्कत होती है। जैसे एक इंसान को ऊंचाई पर चढ़ने में सांस लेने में परेशानी होती है, ठीक ऐसी ही परेशानी उन्हें इस बीमारी में भी होती है। 

स्वाइन फ्लू 
इसमें चेस्ट पेन, शरीर में दर्द, तेज सिर दर्द, तेज बुखार और शरीर में नीले निशान पड़ते हैं। जनवरी से मार्च और अगस्त से अक्टूबर तक ये फ्लू फैलते हैं। ज्यादा संभावना सर्दियों के सीजन की रहती है। बर्ड फ्लू में भी ऐसे ही दिक्कतें होती हैं लेकिन इसमें डायरिया भी समस्या है।

टेस्टिंग सिर्फ एनआईवी पुणे में

स्वाइन फ्लू की टेस्टिंग तो पीजीआई में मौजूद है, लेकिन कोरोनावायरस की टेस्टिंग सिर्फ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में ही हो सकती है। इसकी टेस्टिंग के लिए सेंपल चंडीगढ़ से पैक होकर फ्लाइट के जरिए एनआईवी भेजा जाएगा। एक दिन के अंदर इसकी रिपोर्ट आ जाएगी।

मरीज संदिग्ध है और डॉक्टरों की निगरानी में है। 28 साल का एक युवक खांसी-जुकाम व तेज बुखार की शिकायत के साथ दाखिल हुआ है। उसे आइसोलेटेड वार्ड में रखा गया है। युवक मोहाली का रहना वाला है। अभी तक काेरोनावायरस की पुष्टि नहीं हुई है। -प्रो. जगत राम, डायरेक्टर पीजीआई

 बीमार लोगों के नजदीक जाने से बचें

  •  कोरोनावायरस की अभी तक वैक्सीन उपलब्ध नहीं है लेकिन फैलने से रोक सकते हैं। हाथ मिलाने, गले मिलने से बचें। 
  •  कफ के दौरान शिष्टाचार बनाए रखें और प्राॅपर हाइजीन का ध्यान रखें
  •  अपने हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें
  •  बिना हाथ धोए आंख, नाक या मुंह को न छुएं
  •  बीमार लोगों के नजदीक जाने से बचें
  •  यदि बीमार हों तो खुद को दूसरों से दूर रखें, डी-हाइड्रेशन न होने दें और आराम करें। 
  •  गला न सूखने दें, थोड़ी-थोड़ी देर में गर्म पानी पीएं।