अमृतसर.पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने कॉरिडोर से करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है। इसके मुताबिक भारत से रोजाना 500 श्रद्धालु श्री करतारपुर साहिब जा सकेंगे। इन्हें पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं होगी। कॉरिडोर सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।
श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम 6 बजे तक लौटना हाेगा। फिलहाल इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भेज दिया गया है। भारत और पाकिस्तान ने नवंबर के अंतिम हफ्ते में अपनी-अपनी बॉर्डर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का शिलान्यास किया था।
पाकिस्तान का कहना है कि इसे जून 2019 तक बनाकर पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा। पाकिस्तान साफ कर चुका है कि श्रद्धालु बिना पासपोर्ट और वीजा के दर्शन कर सकेंगे। वहां जाने के लिए उन्हें सिर्फ टिकट लेनी होगी। अब बताया गया है कि इस टिकट के लिए हर श्रद्धालु को 500 रुपए चुकाने होंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह फीस पाकिस्तानी करंसी में चुकाई जाएगी या भारतीय में।
पाकिस्तान पहले ही कह चुका है कि टिकट लेकर जाने वाले श्रद्धालु गुरुद्वारा परिसर तक ही जा पाएंगे, जबकि वीजा वाले शहर भी घूम सकेंगे। कॉरिडोर खोलने के लिए करीब 32 साल से अरदास करने वाले बीएस गोराया का कहना है कि 500 रुपए फीस बहुत ज्यादा है। इसे 15 से 20 रुपए किया जाना चाहिए। कॉरिडोर के जरिए सिर्फ 500 लोगों को दर्शन की मंजूरी देना भी नाइंसाफी है।
एक माह पहले दोनों तरफ हुआ था शिलान्यास :
भारत ने 26 नवंबर को कॉरिडोर का नींवपत्थर रखा था। जबकि पाकिस्तान ने दो दिन बाद 28 नवंबर को। नींव पत्थर रखे करीब एक माह का समय बीत चुका है, लेकिन इस ओर से कोई खास काम नहीं हो सका है, जबकि पाकिस्तान ने अपने हिस्से में कंस्ट्रक्शन का काम शुरू कर दिया है। पाकिस्तान का कहना है कि इसे छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
बॉर्डर से गुरुद्वारा साहिब तक स्पेशल बस :
बॉर्डर पर कस्टम और इमीग्रेशन सेंटर बनाया जाएगा। यहां फाइनल जांच के बाद ही श्रद्धालु आगे जा पाएंगे। इसके आगे गुरुद्वारा साहिब तक पाकिस्तान सरकार स्पेशल बस चलाएगी। यहां पैदल जाने पर मनाही होगी। पूरा रास्ते में कड़ी सुरक्षा रहेगी।
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