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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

एक झप्पी में रास्ता खुला तो दूसरी झप्पी में छूट सकते हैं भारत मां के लाडले

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गुरदासपुर। श्री करतारपुर साहिब काॅरिडोर का शिलान्यास रखने के बाद पिछले 53 साल से पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बंद युद्धबंदियों के परिजनों के जख्म हरे हो गए हैं। पीड़ित परिवारों को उनके बच्चों के रिहा होने की आशा नजर आई है। परिवारों का कहना है कि अगर सिद्धू की पाकिस्तान में की गई एक फेरी से श्री करतारपुर का रास्ता खुल सकता है तो दूसरी फेरी से उनके बच्चे भी रिहा हो सकते हैं, क्योंकि दोनों कामों के लिए समय समय की सरकारें यत्न कर चुकी हैं।

memorable PIC

मैं कांग्रेसी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से मांग करता हूं कि जिस तरह उन्होंने पाकिस्तानी जनरल से कहकर श्री करतारपुर साहिब का कॉरिडोर रास्ता खुलवाया है, उसी तरह पिछले लंबे समय से पाकिस्तानी जेलों में बंद हमारे युद्ध बंदी सैनिकों को रिहा करवाई जाए। 1965 व 1971 युद्ध के दौरान गायब हुए हमारे कई वीर सैनिक पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। उन्हें रिहा करवाने के लिए समय समय की सरकारों से भी मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस समय पाकिस्तान की विभिन्न जिलों में हमारे 53 युद्धबंदी बंद है जिन की पुष्टि भी हो चुकी है।

महेंद्र सिंह, 1965 के युद्ध में गायब हुए गांव बरनाला सिपाही सुजान सिंह का भाई।

विदेश मंत्रालय जारी कर चुका है सूची: 26 जुलाई 2017 में विदेश मंत्रालय युद्धों के दौरान गायब हुए युद्धबंदियों की सूची जारी कर चुका है जिसमें 54 युद्ध बंदी हिंदुस्तान के हैं, जबकि इस सूची में प्रकाशित फोटो में सुजान सिंह की फोटो भी शामिल है। 1965 में गायब हुए युद्धबंदियों में लेफ्टिनेंट वीके आजाद, जनरल मदनमोहन, जनरल सुजान सिंह, फ्लाइट लेफ्टिनेंट बबूल गुहा, फ्लाइंग आफिसर तजिन्दर सिंह सेठी, स्क्वाड्रन लीडर देवा प्रसाद के नाम शामिल हैं। 1971 में मेजर एसपीएस वड़ैच, मेजर कमलजीत सिंह, मेजर जसकिरण सिंह मलिक, कैप्टन केएस राठौर, कैप्टन जीआर सिंह, लेफ्टिनेंट सुधीर मोहन सभ्रवाल, कैप्टन कमलबख्शी, लेफ्टिनेंट परसराम शर्मा, मेजर सुभाष चन्दर गुलेरिया, मेजर अशोक कुमार, मेजर एके सूरी, कैप्टन रविन्दर कौड़ा, कैप्टन ओपी दलाल, सूबेदार आसा सिंह, सूबेदार कालीदास, जगदीश लाल, जनरल पाल सिंह, दिलार सिंह, जागीर सिंह, लांस नायक बलबीर सिंह, लेफ्टिनेंट हवलदार कृष्ण लाल शर्मा, स्क्वाड्रन लीडर मेदर कुमार जैन, फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुधीर कुमार गोस्वामी, फ्लाइंग आफिसर सुधीर त्यागी, फ्लाइंग लेफ्टिनेंट विजय बसंत, फ्लाइट लेफ्टिनेंट नागास्वामी शंकर, लेफ्टिनेंट मनोहर पुरुहोति, फ्लाइट लेफ्टिनेंट तनमय सिंह, विंग कमांडर एचएस गिल, स्क्वाड्रन लीडर मनशाह मिस्त्री, फ्लाइट लेफ्टिनेंट हरविन्दर सिंह, स्क्वाड्रन लीडर जतिन्दर दास, एलएम ससुन, कुशपाल सिंह नन्दा, कृष्ण लखीमल, अशोक बलवंत, श्रीकांत चन्द्रकांत महाजन, गुरदेव सिंह राय, रमेश कदम, केपी मुरलीधरन, अशोर राय वशिष्ठ नाथ, गुरश्याम सिंह, हजूरा सिंह, ज्ञान चन्द, एसबीएस चौहान, अविनाश कुमार शर्मा, भूपिन्दर बहादुर थापा आदि के नाम शामिल हैं।

सिद्धू चाहें तो घर लौट सकते हैं युद्धबंदी: लोगों ने कहा कि अगर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की एक झप्पी से पाकिस्तानी जनरल कॉरिडोर का रास्ता खुलवा सकते हैं तो दूसरी झप्पी में पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बंद युद्धबंदी भी छूट सकते हैं। आज तक कोई भी सरकार कॉरिडोर का रास्ता नहीं खुलवा पाई सिर्फ सिद्दू की दोस्ती के कारण जनरल में इस काम को पूरा किया है। मंगलवार को मंत्री सिद्धू फिर से पाकिस्तान गए हैं, अगर वह आर्मी चीफजनरल बाजवासे बात करें तो हो सकता है कि यह युद्धबंदी फिर से अपने घरों को लौट जाएं।

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Navjot Sidhu being appealed to say Pak Army Chief releasing war-prisoners
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