Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

इन्हीं महापुरूषों की बदौलत देश को स्वतत्रता प्राप्त हुई।

0
130

चण्डीगढ़, 01 अक्तूबर – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी व पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादूर शास्त्री जी की जयंती अवसर की पूर्व संध्या पर दोनों महापुरूषों को नमन करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में महापुरूषों को याद करना हर भारतवासी के लिए गर्व है। इन्हीं महापुरूषों की बदौलत देश को स्वतत्रता प्राप्त हुई।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने यहां जारी अपने संदेश में कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सर्वधर्म समन्वय का पाठ पढ़ाते हुए देश को एकसूत्र मे पिरोकर आजादी दिलाई। उन्होंने महात्मा बुद्ध के बताए सत्य-अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए मानवता को शांति का संदेश दिया। इसके साथ-साथ देश को मजबूती प्रदान करने के लिए गांधी जी ने कई आंदोलन चलाए।
उन्होंने कहा कि देश के द्वितीय प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने देश की स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता का जो कार्य किया उसी की बदौलत आज भारतवर्ष न केवल सुरक्षा व खाद्यान्न की दृष्टि से आत्मनिर्भर है, बल्कि अन्य देशों को अनाज निर्यात करने व उन्हें सुरक्षा देने में सक्षम है। शास्त्री जी ने जय जवान-जय किसान का नारा देकर देश में हरित क्रांति को आगे बढ़ाया। उन्होनें बहुत कम कार्यकाल में ही देश की प्रगति में चार-चांद लगाए।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने गांधी व शास्त्री जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए  कहा कि अनेक महापुरूषों ने गांधी जी को आदर्श मानकर उनके जैसा जीवन जीया। जब हम इन दोनों महापुरुषों का विचार करते हैं तो हमें ज्ञान होता है कि भारत कैसा होना चाहिए। गांधी जी ऐसा भारत चाहते थे जिसमें सभी समुदायों में समभाव हो, अस्पृश्यता कहीं देखने को न मिले, जीवन में स्वच्छता हो और महिलाओं व पुरूषों को समान अधिकार मिलें और देश समृद्ध, खुशहाल एवं स्वस्थ हो। भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने।
उन्होंने कहा है कि पूरा देश दोनों महान विभूतियों की जयंती पर्व के रूप में मना रहा है। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वें प्रण ले कि वह अनुशासन में रहे और एकता के सूत्र में बंध कर देश व प्रदेश की तरक्की के लिए कार्य करें तभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और श्री लाल बहादुर शास्त्री को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।