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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

हैरीटेज राजो विला प्रॉपर्टी को अवैध कब्जे से बचाया जाए : शर्मिता बनर्जी भिंडर

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यदि मेरे साथ कुछ भी होता है, तो हरियाणा पुलिस और हरियाणा सरकार ही  इसकी जिम्मेवार होगी।
चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। शर्मिता बनर्जी भिंडर ने सदर बाज़ार, अंबाला कैंट में 1845 में बनी अपनी हैरीटेज प्रॉपर्टी ‘राजो विला’ की भूमि पर अवैध अतिक्रमण का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारियों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद अतिक्रमणकारियों के खिलाफ  कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान शर्मिता ने दावा किया कि धमकी और उत्पीडऩ के बारे में उनकी शिकायतें दर्ज नहीं की जा रही है।शर्मिता जो चंडीगढ़ में एक विशेष बच्चों के लिए एक एनजीओ चलाती हैं और एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया कि वह इस प्रॉपर्टी की 7 वीं पीढ़ी की मालिक है।  उनकी सह-स्वामित्व वाली राजो विला की संपत्ति भूमि पर 6 जून को कोविड-19 लॉकडाउन कफ्र्यू के दौरान रात 15-20 श्रमिकों द्वारा इस प्रॉपर्टी के चारों तरफ कंक्रीट की एक अस्थाई दीवार बना कर इसकी विरासती खूबसूरत को पूरी तरह से बरबाद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनके रिश्तेदारों ने राजो विला से सटी अपनी संपत्ति अम्बाला में एक डेयरी मालिक को बेची । रजिस्ट्री स्पष्ट रूप से 261.11 वर्ग गज थी जबकि खरीदारों ने 315 वर्ग गज को कवर करके एक दीवार खड़ी कर हमारी संपत्ति पर अतिक्रमण किया।शर्मिता ने बताया , हमें जानकारी थी कि खरीदार हमारी जमीन पर अवैध रूप से निर्माण और अतिक्रमण करने की योजना बना रहे हैं इसीलिए हमने 30 मार्च को थाना सदर बाजार में एक ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवाई थी। शर्मिता ने बताया , पुलिस ने यह आश्वासन दिया कि इस मामले को देखा जाएगा और हमारी जमीन के साथ कुछ भी अनियमित नहीं होगा और तहसील में कोई भी फर्जी रजिस्ट्री नहीं होने दी जाएगी। हमने मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री अनिल विज, डीएसपी, एसएसपी, पीएस सदर बाजार, महिला सेल, तहसीलदार और नायब तहसीलदार कार्यालयों को भी इस संबंध में ईमेल भेजी गई थी। हमने सीएम विंडो के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय में भी शिकायत दर्ज कराई थी।
शर्मिता ने बताया , खरीदारों ने जब दीवार का ढांचा बनाना शुरू कर किया, तो हमने तुरंत सदर बाजार, पुलिस स्टेशन  को फोन किया और जिन्होंने कहा कि खरीदारों ने सभी आवश्यक दस्तावेज दिखाए थे । पुलिस ने मेरे पास मौजूद ओनरशिप के असली दस्तावेजों को देखने की बजाए नकली दस्तावेजों को देखकर उनके पक्ष में फैसला कर लिया। कोविड कफ्र्यू के दौरान 125 फीट की लंबाई और 6 फीट ऊंचाई की एक दीवार का निर्माण कैसे किया गया, वह भी सदर पुलिस स्टेशन से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर, कैसे 15 से 20 मजदूर और डेयरी के 5 कर्मचारियों को एक साथ एकत्र होकर निर्माण करने की अनुमति दी गई। शर्मिता ने कहा कि पुलिस ने कई बार डेयरी का दौरा किया लेकिन उन्हें थाने नहीं बुलाया गया, हमें पड़ोसियों के माध्यम से इस बारे में पता चला। रजिस्ट्री और तहसील नक्शों स्पष्ट रूप से ये दर्शाते हैं कि 261.11 वर्ग गज को बेचा गया है और तहसील में उसकी रजिस्ट्री हुई है और 315 वर्ग गज तक अवैध कब्जा किया गया है। सबूत पेश किए जाने के बाद, फिर भी कोई कार्रवाई या एफआईआर नहीं की गई है।मैंने 9 जुलाई को श्री अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा से मुलाकात की है और सभी पत्र, ईमेल और प्रासंगिक सत्यापित दस्तावेजों के साथ अपनी शिकायत प्रस्तुत की है। मैं इस मुद्दे को हल करने के लिए उनके दखल की उम्मीद कर रही हूं।उन्होंने कहा कि मुझे कोविड-19 के दौरान परेशान किया जा रहा है , यदि मेरे साथ कुछ भी होता है, तो हरियाणा पुलिस और हरियाणा सरकार ही  इसकी जिम्मेवार होगी।