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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

श्रीनिवास का रिकॉर्ड भी टूटा; निशांत शेट्टी भैंसों के साथ 9.51 सेकंड में 100 मीटर दौड़े; उसैन बोल्ट से भी तेज

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  • निशांत शेट्टी ने कम्बाला रेस में 143 मीटर की दूरी 13.61 सेकंड में पूरी की जबकि श्रीनिवास गौड़ा ने 13.62 सेकंड में 142.50 मीटर की दूरी पूरी की थी
  • निशांत शेट्टी (9.51 सेकंड), श्रीनिवास गौड़ा (9.55 सेकंड), सुरेश शेट्टी (9.57 सेकंड) और इरुवथूर आनंद (9.57 सेकंड) में 100 मीटर दौड़े

Dainik Bhaskar

Feb 19, 2020, 09:14 AM IST

मेंगलुरु. कर्नाटक में भैंसों की परंपरागत दौड़ (कम्बाला) में 9.55 सेकंड में 100 मीटर की दूरी पूरी करके सुर्खियां बटोरने वाले श्रीनिवास गौड़ा से भी कम समय में 9.51 सेकंड में एक धावक ने यह दूरी पूरी की है। उनका नाम निशांत शेट्टी है। उन्होंने वेनुर में रविवार को हुई कम्बाला दौड़ में यह रिकॉर्ड बनाया, जो जमैका के धावक उसैन बोल्ट के 9.58 सेकेंड के वर्ल्ड रिकॉर्ड से भी 0.07 सेकंड बेहतर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शेट्टी ने दौड़ में 143 मीटर की दूरी 13.61 सेकंड में पूरी की। इस दौरान उन्होंने शुरुआती 100 मीटर 9.51 सेकंड में पूरे किए। इस लिहाज से निशांत ने गौड़ा से 0.04 सेकंड कम वक्त में यह दूरी पूरी की।

कम्बाला रेस कराने वाली समिति के मुताबिक, शेट्टी की इस उपलब्धि के साथ 4 धावक 10 सेकंड से कम समय में 100 मीटर की दूरी पूरी करने वाली लिस्ट में शामिल हो गए हैं। इसमें पहले स्थान पर निशांत शेट्टी (9.51 सेकंड), श्रीनिवास गौड़ा (9.55 सेकंड), सुरेश शेट्टी (9.57 सेकंड) और इरुवथूर आनंद (9.57 सेकंड) हैं। कर्नाटक के गौड़ा ने एक फरवरी को मेंगलुरु के आईकला गांव में हुई दौड़ में सिर्फ 13.62 सेकंड में 142.50 मीटर की दूरी पूरी की थी। इसके बाद यह दावा किया गया था कि उन्होंने सिर्फ 9.55 सेकंड में शुरुआती 100 मीटर पूरे किए। इसके आधार पर उनकी तुलना 100 मीटर में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले बोल्ट से की जाने लगी।  

स्पोर्ट्स अथॉरिटी के कोच की देखरेख में गौड़ा का ट्रायल होगा : खेल मंत्री

गौड़ा के इस रिकॉर्ड के बाद उन्हें ओलिंपिक में भेजने की मांग भी उठने लगी। खुद खेल मंत्री किरिन रिजिजू ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोच की देखरेख में उनका ट्रायल कराने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि ओलिंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप का स्तर काफी ऊंचा है। पारंपरिक खेलों में हिस्सा लेने वालों की तुलना आप तब तक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से नहीं कर सकते, जब तक आधिकारिक तौर पर उनके प्रदर्शन को आंका नहीं जाता। दूसरी ओर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने गौड़ा से सोमवार को मुलाकात की और 3 लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। गौड़ा अब तक रेस में 32 मेडल जीत चुके हैं।

क्या है कम्बाला रेस?
कम्बाला रेस या बफेलो रेस कर्नाटक का पारंपरिक खेल है। मेंगलुरु और उडुपी में यह काफी प्रचलित है। इसमें कीचड़ वाले इलाके में युवा जॉकी दो भैंसों के साथ दौड़ लगाते हैं। जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने कुछ साल पहले कम्बाला के खिलाफ मोर्चा खोला था। उनका आरोप था कि जॉकी बल प्रयोग कर तेज दौड़ने के लिए भैंसों को मजबूर करता है। इसके बाद पारंपरिक खेल पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुआई में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस खेल को जारी रखने के लिए बिल पारित कराया था।