
- वर्ल्ड कप टीम में शामिल 15 में से 5 खिलाड़ियों ने फाइनल खेला
- ऑलराउंडर के तौर पर शंकर का प्रदर्शन निराशाजनक, सिर्फ एक ही विकेट मिला
- टीम में आखिरी समय में शामिल होने वाले राहुल ने 593 रन बनाए
खेल डेस्क. आईपीएल के 12वें सीजन में मुंबई इंडियंस की टीम चैम्पियन बनी। इस टूर्नामेंट में भारतीय वर्ल्ड कप टीम में शामिल 15 खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया। हालांकि, आखिरी प्लेऑफ से पहले केदार जाधव चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए। इस सीजन में कुल 19416 रन बने। इनमें से टीम इंडिया के 15 खिलाड़ियों ने 3597 रन बनाए। यह सीजन के कुल रन का 19% है। टूर्नामेंट में गिरे कुल 682 विकेटों में से भारतीय टीम के गेंदबाजों ने 103 विकेट अपने नाम किए, जो कुल विकेटों की संख्या का 15% है।
टीम इंडिया के 6 बल्लेबाजों ने 400+ रन बनाए
टूर्नामेंट में वर्ल्ड कप टीम में शामिल 6 में से 5 बल्लेबाजों और एक ऑलराउंडर ने 400 से ज्यादा रन बनाए। इनमें लोकेश राहुल ने सबसे ज्यादा 593 रन बनाए। 400 से ज्यादा रन बनाने वालों में विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धोनी और हार्दिक पंड्या शामिल हैं। इनमें से तीन टॉप-10 में रहे। दिनेश कार्तिक ने ही 300 से कम 253 रन बनाए। हालांकि, वे ज्यादातर मैच में निचले क्रम में बल्लेबाजी के लिए उतरे। उनका औसत 31.62 का रहा। इस तरह इंग्लैंड जाने वाली भारतीय टीम के सारे बल्लेबाज आईपीएल के दौरान फॉर्म में रहे।
राहुल-धवन का औसत कोहली से भी ज्यादा
बल्लेबाज | मैच | रन | औसत |
लोकेश राहुल | 14 | 593 | 53.90 |
शिखर धवन | 16 | 521 | 34.73 |
विराट कोहली | 14 | 464 | 33.14 |
महेंद्र सिंह धोनी | 15 | 416 | 83.20 |
रोहित शर्मा | 15 | 405 | 28.92 |
दिनेश कार्तिक | 14 | 253 | 31.62 |
मुंबई के लिए मैच विनर साबित हुए हार्दिक
आईपीएल से पहले विवादों में रहे ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या टूर्नामेंट में मुंबई के लिए मैच विजेता साबित हुए। कॉफी विद करण में महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उन्हें टीम इंडिया से सस्पेंड कर दिया गया था। इससे वर्ल्ड कप में उनके खेलने को लेकर भी सवाल उठने लगे थे। हालांकि, उन पर से बाद में निलंबन हटा लिया गया था। आईपीएल के इस सीजन में उन्होंने खुद को साबित किया। 15 मैच में 402 रन बनाए और गेंदबाजी में 14 विकेट भी हासिल किए। इस दौरान उनका औसत 44.66 और स्ट्राइक रेट 193 का रहा।
जाधव का औसत 20 से भी कम, गेंदबाजी भी नहीं मिली
ऑलराउंडर्स में केदार जाधव का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उन्होंने 14 मैच में सिर्फ 162 रन बनाए। धोनी ने जाधव को ज्यादातर मैचों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा, लेकिन वे उनके भरोसे पर खरे नहीं उतर पाए। उनका औसत सिर्फ 18 का रहा। गेंदबाजी का उन्हें मौका नहीं मिला। दूसरी ओर, जडेजा ने 15 मैच में 15 विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित की। बल्लेबाजी में उनका औसत 30 से ज्यादा का रहा। आखिरी ओवरों में आकर उन्होंने तेजी से टीम के लिए उपयोगी रन बनाए।
शंकर ने निराश किया, एक भी अर्धशतक नहीं लगाया
टीम में चौथे क्रम के लिए चुने गए विजय शंकर ने भी निराश किया। उन्हें हैदराबाद की टीम में तीसरे या चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा गया, लेकिन वे एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके। उनका उच्चतम स्कोर 40 रन रहा। सीजन के 15 मैच में शंकर ने 20.33 की औसत से 244 रन ही बनाए। गेंदबाजी में सिर्फ एक ही सफलता हासिल कर पाए।
शंकर को सिर्फ एक विकेट मिला, जडेजा का बल्लेबाजी औसत 35.33
बल्लेबाज | मैच | रन | औसत | विकेट |
हार्दिक पंड्या | 16 | 402 | 44.66 | 14 |
विजय शंकर | 15 | 244 | 20.33 | 1 |
रविंद्र जडेजा | 15 | 106 | 35.33 | 15 |
केदार जाधव | 14 | 162 | 18.00 | 0 |
5 में से 4 गेंदबाज फॉर्म में, सिर्फ कुलदीप को 10 से कम विकेट मिले
गेंदबाजी की बात करें तो भारतीय टीम के 5 में से 4 गेंदबाजों ने 10 से ज्यादा विकेट अपने नाम किए। इनमें शमी और बुमराह को सबसे ज्यादा 19-19 सफलता मिली। युजवेंद्र चहल ने 18 विकेट अपने नाम किए। वहीं, भुवनेश्वर को 13 विकेट मिले। सबसे ज्यादा निराश बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव ने किया। वे 9 मैच में सिर्फ 4 विकेट ही ले पाए। यहां तक कि कोलकाता के 5 मैच में उन्हें टीम से बाहर रखा गया।
चहल की इकॉनमी सबसे कम, कुलदीप सबसे महंगे
गेंदबाजी | मैच | रन | विकेट | इकॉनमी |
मोहम्मद शमी | 14 | 1 | 19 | 8.68 |
युजवेंद्र चहल | 14 | 6 | 18 | 7.82 |
जसप्रीत बुमराह | 15 | 0 | 19 | 6.63 |
भुवनेश्वर कुमार | 15 | 12 | 13 | 7.81 |
कुलदीप यादव | 9 | 12 | 4 | 8.66 |