न्यूयाॅर्क.48 साल की मीना गुली ऑस्ट्रेलिया में पली-बढ़ी। पढ़ने में होशियार थीं। लेकिन, स्कूल स्पोर्ट्स क्लास से बचने के बहाने ढूंढती थीं। यूनिवर्सिटी तक कभी किसी खेल में शामिल नहीं हुईं। डिग्री पूरी की और उसके बाद कई अलग-अलग कंपनियों में अहम जिम्मेदारियां संभालीं।
आजकल हॉन्गकॉन्ग बेस्ड कंपनी थ्रस्ट की सीईओ हैं। लेकिन, पिछले चार साल से दुनियाभर की स्पोर्ट्स कम्युनिटी में मैराथन वुमन के नाम से पहचान बना चुकी हैं। उनकी नई पहचान की कहानी शुरू होती है 20 साल पहले हुए कार हादसे से। उस हादसे से उनकी पीठ में गहरी चोट आई थी।
डॉक्टरों ने कह दिया कि दौड़ना तो दूर चलना-फिरना भी मुश्किल होगा। खैर, मीना हफ्तों बाद अस्पताल से घर पहुंचीं और खुद को फिट करने के लिए स्वीमिंग करने लगीं। कुछ ही महीनों में धीरे-धीरे दौड़ना शुरू कर दिया। नौकरी के दौरान चीन में पानी की समस्या को लेकर एक सेमिनार में हुई चर्चा से काफी प्रभावित हुईं। उन्हें लगा कि वे दौड़ती तो हैं ही, क्यों न यह दौड़ पानी बचाने के मकसद के लिए हो।
बस, यही उनके मिशन का कारण बना। पिछले साल 40 दिन में 40 मैराथन पूरी कीं। अब इससे भी बड़े मिशन पर हैं। इस साल 100 दिन में 100 मैराथन दौड़ने का मिशन। 42 किलोमीटर की पहली मैराथन 4 नवंबर को न्यूयॉर्क में पूरी की। दूसरी भी न्यूयॉर्क में की। 6 और 7 तारीख को लंदन में दौड़ीं। फिर फ्रांस पहुंचीं। रविवार को इटली में थीं। भारत भी आएंगी। लेकिन, अभी ये खुलासा नहीं किया है कि भारत में दौड़ कहां होगी। 20 देशों से होते हुए 11 फरवरी को 100वीं दौड़ फिर न्यूयॉर्क सिटी में होगी। तब तक वह 4,200 किमी दौड़ चुकी होंगी।
युवक ने मीना से पूछा- क्या आपकी ये सौ दौड़ें पानी बचा सकती हैं?
न्यूयॉर्क पहुंचीं मीना के साथ मैराथन में भाग लेने 5,700 दूसरे प्रतिभागी भी पहुंचे थे। ज्यादातर मीना के ऑनलाइन प्रचार से प्रभावित होकर आए थे। दौड़ खत्म होने के बाद एक युवक ने मीना से पूछा कि क्या आपकी इन सौ दौड़ों से दुनियाभर में पानी बच सकता है? जवाब में मीना ने कहा-मैराथन के पहले और बाद मैं औसतन 50 लोगों से बात करती हूं।
मेरी हर मैराथन में 2-3 हजार लोग आ रहे हैं। अगर यही लोग पानी को लेकर अपनी जिम्मेदारी समझ लें तो भी बड़ा बदलाव संभव है। मैं अकेली तो इतना ही कर सकती हूं। मेरे मिशन से जुड़ने वाला हर व्यक्ति अगर 5-10 लोगों को पानी की कीमत समझा पाए तो मैं समझूंगी कि मैं कामयाब हो गई।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today