चंडीगढ़ रैड क्रास में आउटसोर्सिंग वर्कर्स को त्योहार के मौके पर भी सैलरी नहीं दे पा रहा डिप्टी कमिश्नर आफिस ।।
डिप्टी कमिश्नर के कंट्रोल मे चंडीगढ़ रैड क्रास में पिछले दो महीनों से आउटसोर्सिंग कामगारों को वेतन का भुगतान न करना, बढ़ी हुई डीसी दरों का बकाया जारी न करना और चंडीगढ़ प्रशासन और जीईएम के नियमों और शर्तों के उल्लंघन में आकस्मिक अवकाश का अनुदान न देना ऐसे कई मसलों से आउटसोर्सिंग वर्कर्स काफी दुविधा में हैं परन्तु चंडीगढ़ प्रशासन का इस ओर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है ।
प्रशासक के सलाहकार चंडीगढ़ रेड क्रॉस के प्रेसिडेंट, डिप्टी कमिश्नर चेयरमैन व अडिशनल डिप्टी कमिश्नर सचिव हैं ।
चंडीगढ़ रेड क्रॉस में विभिन्न श्रेणियों के लगभग 150 आउटसोर्स कर्मचारी यानी नर्स, डाटा एंट्री ऑपरेटर, ड्राइवर, चपरासी और स्वीपर आदि चंडीगढ़ प्रशासन के विभिन्न विभागों में डीसी रेट पर काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों का वेतन पिछले दो माह से जारी नहीं किया गया है और साथ ही डीसी दर का बकाया जो अप्रैल 2022 से संशोधित किया गया है, इन कर्मचारियों को आज तक ठेकेदार द्वारा नहीं दिया गया है और अभी भी लंबित है।
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के इन आउटसोर्स कर्मचारियों ने भी कोविड काल में नि:स्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं दी हैं।
इन कर्मचारियों को एक भी सवैतनिक अवकाश प्रदान नहीं कर ठेकेदार द्वारा जेम शर्तों के अनुसार 15 आकस्मिक अवकाश देने के प्रावधान का भी उल्लंघन किया जा रहा है।
इन कर्मचारियों को चंडीगढ़ प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए समय पर वेतन एवं बकाया राशि का भुगतान न होने से आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा है ।
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ ने आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर इस मुद्दे पर चंडीगढ़ प्रशासन को चेताया था कि इस बात का धयान रखा जाए कि विभाग डिप्टी कमिश्नर के नियंत्रण में है और उनसे अनुरोध किया गया कि इन कर्मचारियों का वेतन एवं बकाया डीसी दर यथाशीघ्र जारी किया जाए। ।
इन आउटसोर्स कर्मचारियों को 15 अवकाश देने के GEM खंड के पालन के लिए ठेकेदार को सख्त निर्देश जारी किए जाएं ।
कर्मचारी संघ के चेयरमैन बिपिन शेर सिंह ने कहा कि अगर डिप्टी कमिश्नर कम लेबर कमिश्नर आफिस के आउटसोर्सिंग वर्कर्स के साथ निर्देशों का उल्लघंन हो रहा है तो दूसरे विभाग कहां से न्याय की उम्मीद करें ।
आल कांटरैकचुअल कर्मचारी संघ के प्रधान अशोक कुमार व महासचिव शिव मूरत ने कहा कि अभी तक चंडीगढ़ प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंगी तथा रेड क्रॉस विभाग का डिप्टी कमिश्नर के नियंत्रण में होने के बावजूद आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों को सैलरी के बिना दर दर भटकना पड़ रहा है ।
हैरानी की बात यह है कि चंडीगढ़ की अफसरशाही आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण रोकने में कोई कठोर कदम नहीं उठा रही व चंडीगढ़ जैसे महंगे शहर में आउटसोर्सिंग वर्कर्स बिना सैलरी कैसे निर्वाह करें ।