- कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया
- आईसीजे ने कहा था कि पाक जब तक वियना कन्वेंशन की जरूरी शर्तें पूरी नहीं करता तब तक सजा रद्द रहेगी
- पाक ने आईसीजे के फैसले से पहले भारत को कुलभूषण से बातचीत का कोई मौका नहीं दिया
Dainik Bhaskar
Jul 19, 2019, 08:38 AM IST
इस्लामाबाद. अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। आईसीजे ने पाक को निर्देश दिया था कि वह पहले जाधव से बातचीत के लिए भारत को कॉन्स्युलर एक्सेस दे। जब तक वह ऐसा नहीं करता तब तक जाधव की सजा निलंबित रहेगी। इस फैसले के एक दिन बाद ही पाक ने आईसीजे की शर्तों को मान लिया और कुलभूषण को कॉन्स्युलर एक्सेस देने पर सहमति जताई है।
पाक विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा, “आईसीजे के फैसले के तहत कमांडर कुलभूषण जाधव को वियना कन्वेंशन के आर्टिकल-36 के तहत कॉन्स्युलर एक्सेस से जुड़े उनके अधिकार समझा दिए गए हैं। एक जिम्मेदार देश के तौर पर पाक अपने कानून के मुताबिक ही कुलभूषण को कॉन्स्युलर एक्सेस मुहैया कराएगा। इसके लिए शर्तें तैयार की जा रही हैं।”
कॉन्स्युलर एक्सेस के लिए आईसीजे के साफ निर्देश
1. आईसीजे के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने 42 पन्नों के फैसले में कहा कि पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी।
2. ‘‘पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्युलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया। पाक ने भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया। पाक ने वियना संधि के तहत कॉन्स्युलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया।’’
3. जजों ने कहा- पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा। भारत ने कई बार कॉन्स्युलर एक्सेस के लिए अपील की, जिसे पाक ने ठुकरा दिया। यह एक निर्विवाद तथ्य है कि पाकिस्तान ने भारत की अपील नहीं मानी।
4. ‘‘पाकिस्तान वियना संधि के तहत कुलभूषण की गिरफ्तारी और उसके कारावास के संबंध में भारत को जानकारी देने के लिए बाध्य था। पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी देने में तीन हफ्ते की देरी कर दी, यह भी विएना संधि की शर्तों का उल्लंघन है। पाकिस्तान यह नहीं स्पष्ट कर पाया कि कथित तौर पर भारत की किसी गड़बड़ी की वजह से उसने खुद को संधि की शर्तों को पूरा करने से खुद को रोक लिया।’’
5. अंतरराष्ट्रीय कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने कहा- कोर्ट ने यह भी कहा कि पाक आर्टिकल 36(1) यानी कॉन्स्युलर एक्सेस दिए जाने के उल्लंघन के संदर्भ में अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
जाधव के खिलाफ पाक सेना के ट्रायल को भारत ने चुनौती दी
भारत ने मई 2017 में आईसीजे के सामने यह मामला उठाया था। पाकिस्तान पर जाधव को कॉन्स्युलर न मुहैया करवाने का आरोप लगाया। भारत ने जाधव (49) के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी। आईसीजे ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान पर जाधव के खिलाफ फैसला आने तक किसी भी तरह की कार्रवाई किए जाने को लेकर रोक लगाई।
फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने इस मामले में चार दिन सुनवाई की थी। इस दौरान भारत-पाकिस्तान ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। भारत ने अपने केस का आधार दो बड़ी बातों को बनाया। इनमें वियना संधि के अंतर्गत कॉन्स्युलर एक्सेस और मामले को हल करने की प्रक्रिया शामिल है।