पटियाला.फर्जी एजेंट के झांसे में आकर इंडोनेशिया पहुंचे 11 युवकों को एयरपोर्ट के बाहर से ही किडनैप कर लिया गया। आंखों में पट्टी बांध कार में इधर-उधर घुमाते रहे। महिला सेवा वेल्फेयर सोसायटी और लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के प्रयासों से समाना के भवनीश, सोनू, शिंदरपाल और जसपाल सिंह गांव कोटली समेत 9 युवक घर लौटे। बाकी दो की भी वापसी के प्रयास जारी हैं। पीड़ित शिकायत एसएसपी को दो महीने पहले दे चुके हैं।
समाना के भवनीश ने बताया कि मोहल्ले के मनजीत सिंह ने 45 हजार सैलरी पर पैकिंग का काम दिलाने की बात कही। 85 हजार मांगे। पिता ने पैसे दे दिए। 21 फरवरी 2018 को वह अन्य युवकों संग इंडोनेशिया पहुंचा। पांच घंटे बाद गाड़ियों में कुछ लोग अाए और सभी को ले गए। आंखों पर पट्टी बांध दी। छह महीने तक उन्हें घुमाते रहे। इस बीच उनसे काम भी करवाया गया। घरवालों से बात नहीं करने दी। भवनीश के मुताबिक इस गम में उसकी मां चल बसी और पिता की हालत पागलों जैसी हो गई।
दबाव डाल घर फोन करवाते थे कि हम यहां ठीक हैं :
भवनीश के मुताबिक जब कुछ लड़कों ने शोर मचाया तो उनकी घरवालों से बात कराई। कहलवाया कि हम यहां ठीक हैं। जल्द तरक्की भी होने वाली है और घर पैसे भेजना भी शुरू करेंगे।
एक दिन कंपनी का मेन गेट खुला रह गया तो भाग निकले :
भवनीश ने बताया, एक दिन गलती से कंपनी का मेन गेट खुला रह गया। वे वहां से भाग निकले। उसने जीजा को फोन किया। उनसे बठिंडा के प्रवासी पंजाबी सुखविंदर सिंह का नंबर मिला। इसके बाद महिला सेवा वेल्फेयर सोसायटी की मेंबर कुलदीप कौर से संपर्क किया तो उन्होंने यह बात लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरनजीत बैंस को बताई। उन्होंने ही 80000 हजार रुपए खर्च कर वापिस का इंतजाम किया।
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