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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने उद्योग और शिक्षा जगत से भारत के विनिर्माण विकास के लिए भविष्य हेतु कार्यबल तैयार करने का आग्रह किया

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केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने उद्योग और शिक्षा जगत से भारत के विनिर्माण विकास के लिए भविष्य हेतु कार्यबल तैयार करने का आग्रह किया


केंद्रीय मंत्री ने एमआईटी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए नेमटेक में उद्योग-शैक्षणिक सामंजस्य का उल्लेख किया

नेमटेक और जीएसवी, वडोदरा ने स्मार्ट विनिर्माण और परिवहन जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

एमईटी प्लेटफॉर्म ज्ञान-साझाकरण को सक्षम बनाने वाले सहयोगी परिवेश को बढ़ावा देकर इन राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूर्ण करता है

Posted On: 22 MAY 2025 9:52PM by PIB Delhi

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित विकसित भारत 2047 मिशन के समर्थन में प्रतिभा और क्षमता निर्माण के लिए सशक्त कार्रवाई का आह्वान किया। उद्योग जगत प्रमुखों और शिक्षाविदों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने हितधारकों से भारत के विनिर्माण विकास को गति देने के लिए भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के विकास में तेजी लाने का आग्रह किया।

इस बैठक के दौरान हुई चर्चा में प्रतिभा विकास और दीर्घकालिक विनिर्माण के लिए क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें स्थानीय कार्रवाई के साथ-साथ वैश्विक परिप्रेक्ष्य को जोड़ा गया। श्री अश्विनी वैष्णव ने एक नए क्षेत्र, विनिर्माण, अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी (एमईटी) के उद्भव की प्रशंसा की, जो नेमटेक (न्यू एज मेकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), मेट इनोवेशन स्कूल की एक पहल है। इस पहल का उद्देश्य उद्योग 4.0 और उससे आगे की मांगों को पूरा करते हुए विशेष रूप से उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रतिभा की कमी को दूर करने के साथ भारत में परिवर्तनकारी बदलाव लाने में सक्षम एक उच्च कुशल कार्यबल और भविष्य के लिए प्रतिभाओँ को तैयार करना है।

भारत सरकार के विकसित भारत @2047 विजन पर आधारित और डिजिटल इंडिया , स्किल इंडिया , राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन और क्षेत्र-विशिष्ट उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं जैसे प्रमुख कार्यक्रमों द्वारा समर्थित यह पहल भारत को विनिर्माण और उभरती प्रौद्योगिकियों में वैश्विक प्रमुख के रूप में स्थापित करने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।

सरकार ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन , एआई मिशन , राष्ट्रीय रोबोटिक्स रणनीति , मोबिलिटी मैन्युफैक्चरिंग मिशन और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन सहित कई अग्रणी मिशनों का शुभारंभ किया है जो उन्नत प्रौद्योगिकी विकास और नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाने से जुड़ी प्राथमिकता को दर्शाते हैं। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी समग्र विकास और मुख्यधारा की स्कूली शिक्षा में व्यावसायिक और डिजिटल शिक्षा के एकीकरण पर जोर देती है।

इनके पूरक के रूप में कौशल भारत डिजिटल हब , आईटीआई उन्नयन योजना , चिप टू स्टार्टअप और राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) जैसी प्रतिभा-उन्मुख रूपरेखाएं हैं – जिनमें से सभी उद्योग-संरेखित, समावेशी कौशल मॉडल पर बल देती हैं।

केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने उद्घाटन के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए एमआईटी टीम का स्वागत किया और उन्हें विश्व स्तर पर बेहतरीन संस्थानों में से एक बताते हुए कहा कि  इसकी परिकल्पना उन्नत विनिर्माण के लिए विश्व स्तरीय संस्थान के रूप में की गई है। उन्होंने सुजुकी,  सीमेंस, एबीबी, आईनॉक्स और अन्य जैसे भारतीय उद्योग जगत के प्रमुखों की भी प्रशंसा की और इस बात पर बल दिया कि नेमटेक को वास्तव में प्रभावशाली बनाने और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप ढालने में उद्योग जगत की भागीदारी आवश्यक है।

उन्होंने उद्योग-अकादमिक सहयोग के लिए एक मॉडल के रूप में गति शक्ति मंच की सफलता पर भी अपने विचार प्रकट किए, जहां कंपनियों ने बिना किसी वित्तीय निवेश के केवल ज्ञान साझा करके रोजगार के लिए तैयार पाठ्यक्रम तैयार किए। उन्होंने पहले दिन से ही रोजगार सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे मॉडल को दोहराने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नेमटेक का उद्देश्य सभी स्तरों पर प्रतिभाओं को कौशल प्रदान करना है, चाहे वह शॉप फ्लोर हो, डिजाइन हो या शोध, जिसमें सरकार का पूरा सहयोग हो साथ ही एमआईटी की सलाह हो, ताकि नवाचार और मानसिकता में बदलाव लाया जा सके। श्री वैष्णव ने सभी हितधारकों से अभिनव पहल करने का भी आग्रह किया, उन्होंने कहा कि वास्तव में अब कुछ परिवर्तनकारी सृजन करने का अवसर है।

एमईटी प्लेटफॉर्म एक सहयोगात्मक वातावरण को बढ़ावा देकर इन राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरा करता है जो ज्ञान-साझाकरण, क्षमता निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास को सक्षम बनाता है।

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र-संचालित पहलों का समर्थन करना जारी रखता है जो महत्वपूर्ण कौशल अंतराल को दूर करते हैं, उन्नत प्रौद्योगिकी शिक्षा तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण करते हैं, और इलेक्ट्रॉनिकी और विनिर्माण क्षेत्रों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में योगदान करते हैं।

इस कार्यक्रम में नेमटेक और गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी), वडोदरा के बीच एक समझौता ज्ञापन  पर हस्ताक्षर भी हुए। गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज चौधरी की उपस्थिति में हस्ताक्षरित इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य स्मार्ट विनिर्माण, परिवहन प्रणाली, रसद नवाचार और भविष्य के लिए तैयार कौशल विकास में संयुक्त पहलों की खोज एवं कार्यान्वयन के लिए सहयोग की रूपरेखा तैयार करना है।

नेमटेक ने सेमीकंडक्टर, स्मार्ट विनिर्माण और रोबोटिक्स जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रयोगशालाएं, प्रशिक्षण केंद्र, कौशल विकास संबंधी बुनियादी ढांचा और छात्रवृत्ति विकसित करने के लिए सीमेंस इंडिया, एनालॉग डिवाइसेज इंक और एप्लाइड मैटेरियल्स इंक जैसे अन्य भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस क्षेत्र के उद्योग जगत के सभी प्रमुखों और शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के लिए मिलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।