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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

युवाओं को सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराने और छुपी हुई प्रतिभा निखारने के लिए मंच प्रदान करता है युवा महोत्सव

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युवाओं को सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराने और छुपी हुई प्रतिभा निखारने के लिए मंच प्रदान करता है युवा महोत्सव
– राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आईजीयू के तीन दिवसीय हिंडौला युवा महोत्सव का किया शुभारंभ
– राज्यपाल ने आईजीयू में यज्ञशाला की रखी आधारशिला
– महाराजा अग्रसेन के जीवन व शिक्षाओं पर आधारित पुस्तक का किया विमोचन
– प्रतिभागियों ने सांस्कृतिक मंच पर बिखरे भारतीय कला के विविध रंग

चंडीगढ़, 6 नवंबर — हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि युवा महोत्सव युवाओं को सांस्कृतिक विरासत से रूबरू कराने और युवाओं में छुपी हुई प्रतिभा को निखारने के लिए मंच प्रदान करता है। भारत विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है। अनेकता में एकता भारत की विशेषता है। विभिन्न जातियां, धर्म, भाषाएं, बोलियां एवं वेशभूषा हैं, फिर भी हम सब एक हैं। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सोमवार को इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के युवा महोत्सव-हिंडौला का बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ करने उपरांत युवाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराओं एवं रीति रिवाज को संजोकर रखने में ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राज्यपाल ने इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन पीठ के अंतर्गत यज्ञशाला का शिलान्यास और उनके जीवन व शिक्षाओं पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में यज्ञशाला का शिलान्यास करके वे अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यज्ञ हमें हमारी प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा के साथ जोड़ता है। यज्ञ का अर्थ ही अर्पण करना होता है। यज्ञ का धुआं वातावरण को शुद्ध बनाता है और सकारात्मकता को बढ़ाता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने वैश्य प्रदेश महासम्मेलन से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।
हरियाणा सरकार ने लिया राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय : दत्तात्रेय
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी इन प्रचलित भारतीय परंपराओं, प्राचीन ज्ञान और भारतीय भाषाओं के उत्थान पर विशेष रूप से बल देती है। इसके अतिरिक्त इस शिक्षा नीति का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को इस प्रकार से प्रशिक्षण दिया जाए की न केवल वह रोजगार पाने में सक्षम हो सके, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सकें। इसलिए उनके कौशल विकास और उनकी प्रतिभाओं को पहचान कर उसे विकसित करने की तरफ जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त मूल्य बोध की शिक्षा देकर एक विद्यार्थी को आने वाले समय का एक जिम्मेदार और आदर्श नागरिक बनाया जा सकता है। हरियाणा सरकार द्वारा 2025 तक इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरे हरियाणा में लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने अपनी कला कौशल से सांस्कृतिक मंच पर भारतीय कला के रंग बिखेरते हुए अनेकता में एकता के दर्शन कराए और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अपनी कला के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत द्वारा किया गया।
इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश वैश्य महासम्मेलन के अध्यक्ष राजीव जैन, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल और पद्मश्री डॉ. एस एस  यादव ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। प्रशासनिक अधिकारियों में डीसी रेवाड़ी राहुल हुड्डा हुड्डा और नीतीश अग्रवाल आईपीएस मौजूद रहे। हरियाणा प्रदेश वैश्य महासम्मेलन की तरफ से महामंत्री श्री दुर्गा दत्त गोयल उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का फूलों के गुलदस्ते द्वारा स्वागत किया। विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर प्रमोद कुमार ने सभी का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि राजीव जैन ने महाराजा अग्रसेन पीठ की विश्वविद्यालय में स्थापना से लेकर इस दिशा में होने वाली प्रगति और भावी योजनाओं के बारे में बताया।
कुलपति प्रोफेसर जयप्रकाश यादव ने पिछले डेढ़ वर्षो में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां के बारे में कुलपति के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने अपने संदेश में सभी से सहयोग की भावना का विकास करने और पूरे उत्साह से जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महाराजा अग्रसेन के एक ईंट एक रुपया वाले सिद्धांत तथा पशु बलि का विरोध करने से जुड़े संदेशों से प्रेरणा लेकर उन्हें अपने जीवन में उतारने का आवाहन किया। महामहिम राज्यपाल को श्री राम दरबार स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया गया। कार्यक्रम के अंत में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर विजय कुमार ने सभी का धन्यवाद किया।