आने वाले बाल दिवस के लिये खिलौने, किताबें और मिठाई बांटी
जवाहर लाल नेहरू बच्चों से प्रेम करते थे। इसलिए उनका नाम चाचा नेहरू पड़ा। उन्होंने संदेश दिया था कि बच्चे देश का भविष्य है। इनके विकास के लिए चिंतन और यत्न करना सभी देशवासियों का फर्ज है। देश का विकास बच्चों के विकास के बिना संभव नहीं है। अगर देश का भविष्य बच्चे ही नहीं आगे बढ़ेंगे तो कभी भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। 14 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि को किस्मत के साथ एक वादा आजाद भारत को चाचा नेहरू ने कहा कि जब हम पुराने युग से बाहर निकलकर नए युग में कदम रखते है तब एक देश की लंबे समय से दबी हुई आत्मा मुक्त होती है । इसी कड़ी इस वर्ष भी चाचा नेहरू के जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा और समाज के कमजोर वर्ग के बच्चे भी बाल दिवस को समान रूप से बना पाए इसलिए , एन ए कल्चरल सोसायटी व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व प्रेजिडेंट व मदरहुड चैतन्य के डायरेक्टर डॉक्टर नीरज कुमार उनकी पूरी टीम ने जरूरतमंद बच्चों को खिलौने, मिठाई व किताबें बांट कर इसकी शुरुआत की।