महिला से एटीएम से ठगे थे 5.5 लाख रु, 2 साल बाद क्राइम ब्रांच के चढ़े हत्थे
चंडीगढ़ 19 नवंबर
फरीदाबाद निवासी महिला से साढ़े 5 लाख की ठगी करने वाले एटीएम ठगों को स्टेट क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
एंटी एटीएम फ्रॉड सेल, फरीदाबाद टीम ने आरोपी गोवर्धन पुत्र बुधराम निवासी पलवल और कृष्ण पुत्र योगेंद्र निवासी बढराम जिला पलवल को गिरफ्तार किया। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की आरोपी गोवर्धन से 92500 रु रिकवरी की। इसके अलावा आरोपी गोवर्धन पर अन्य जिलों में तक़रीबन 12 अभियोग दर्ज है, जिनमें एक वारदात पलवल थाना शहर में 71000 रूपए और एक वारदात 45000 रूपए की ठगी भी कबूल की है।
धोखा देकर बदला था फरीदाबाद निवासी महिला का एटीएम, 15 दिन बाद बैंक एंट्री से पता चला ठगी का।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह अपना एटीएम लेकर पैसे निकलवाने 27 दिसंबर 2020 को गई थी। पैसे निकलने के दौरान पीड़ित का एटीएम मशीन में फंस गया और रूपए भी नहीं निकले थे। इसी दौरान एटीएम बूथ के बाहर खड़े 3 अज्ञात आरोपी एटीएम मशीन के पास आ गए और कहने लगे कि हम मदद करते है और एटीएम निकाल कर दे दिया। आरोपियों ने पीड़ित को यह कहकर एटीएम वापस किया कि आपके खाते में बैलेंस नहीं है। यह सुनकर पीड़ित महिला एटीएम लेकर घर को लौट गई। तक़रीबन 15 दिन बाद जनवरी 2021 में अपने बैंक में पासबुक में एंट्री करवाने के लिए गई तो वहां पता चला कि एटीएम द्वारा उसके खाते से तक़रीबन 5,55,684 निकाले गए थे। जिस शिकायत पर जिला पुलिस ने केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की। जिला पुलिस ने केस पर काम करते हुए छानबीन की लेकिन कोई सबूत ना मिलने कारण केस को अनट्रेस घोषित कर दिया गया।
स्टेट क्राइम ब्रांच ने निकलवाया 2017 से हुए सभी एटीएम फ्रॉड का रिकॉर्ड, ट्रांसक्शन से मिला आरोपी का क्लू।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया केस को दोबारा छानबीन के लिए स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा को सौंपी गई। क्राइम ब्रांच चीफ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह, आईपीएस ने उपरोक्त केस में बड़ी धोखाधड़ी को देखते हुए केस की ज़िम्मेदारी एएफआईसी फरीदाबाद यूनिट को सौंपी जहाँ तैनात सहायक उप निरीक्षक शीतल शर्मा और टीम ने केस पर काम करना शुरू किया। अनुसन्धान अधिकारी ने केस पर काम करते हुए जिले से फाइल प्राप्त कर पीड़िता से बातचीत की और उसके बयानों के आधार पर अपराध घटित होने वाली जगह की निशानदेही की गई। इसके अलावा एटीएम फ्रॉड में हुए 2017 से अब तक के कितने मुकदमे किसके खिलाफ दर्ज हुए इसकी जानकारी जिला पुलिस से ली गई। जानकारी प्राप्त होने के बाद जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए और अपराध के लिए जिस पॉइंट ऑफ़ सेल मशीन का उपयोग हुआ, उसका रिकॉर्ड और बैंक के रिकॉर्ड भी प्राप्त किया गया और उसकी सहायता से आरोपी के बारे में जानकारी हासिल की गई।
आरोपी गोवर्धन था ज़मानत पर बाहर, पहले भी एटीएम फ्रॉड के मुक़दमे में हुई जेल
अपराध की घटना के दौरान की फुटेज और बैंक रिकॉर्ड की सहायता से आरोपी गोवर्धन की निशानदेही की गई। आरोपी के पता निकालने के बाद उसको बार बार नोटिस भेजे गए जिसका कोई जवाब आरोपी की तरफ से नहीं आया। आरोपी के घर पर अगस्त 2022 में क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा दबिश भी दी गई जहाँ आरोपी के ना मिलने पर आरोपी की पत्नी और पिता से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान पता चला की आरोपी गोवर्धन पहले भी एटीएम फ्रॉड में ही जेल जा चूका है और वर्तमान में ज़मानत पर बाहर है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की आरोपी ने खुद को छुपाने और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की भी और पुलिस की गिरफत से बाहर रहा। लेकिन टीम की बार बार दबिश के कारण आरोपी गोवर्धन को गिरफ्तार किया गया। आरोपी से पूछताछ की गई तो बताया उसने ठगी को अंजाम अपने अन्य साथी लच्छी उर्फ़ लक्ष्मण पुत्र सतवीर और कृष्ण पुत्र योगेंद्र के साथ मिलकर की थी।
92500 रु की हुई रिकवरी, दूसरा आरोपी भी आया गिरफ्त में।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि माननीय अदालत से रिमांड हासिल करने के बाद आरोपी गोवर्धन के घर से 92 हज़ार 500 रु की रिकवरी की गई। इसके अतिरिक्त अनुसन्धान के दौरान पता चला की उक्त केस में दूसरा आरोपी कृष्ण पहले ही किसी अन्य मुक़दमे में फरीदाबाद जेल में बंद है। जिसके प्रोडक्शन वारंट पर क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा आरोपी कृष्ण से उक्त अपराध बाबत पूछताछ की गई और उससे तक़रीबन साढ़े 17 हज़ार की रिकवरी क्राइम ब्रांच द्वारा की गई है। अनुसन्धान टीम में स० उ० नि० शीतल शर्मा, स० उ० नि० विक्रम, मनमोहन, सि० दिगंबर आदि शामिल रहे।