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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

राष्ट्र के विकास के लिए राजभाषा हिन्दी का विकास भी नितांत आवश्यक है

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चण्डीगढ़, 9 नवंबर। राष्ट्र के विकास के लिए राजभाषा हिन्दी का विकास भी नितांत आवश्यक है, इसलिए सभी सरकारी कार्यालर्यों में शत प्रतिशत कार्य हिन्दी में होना चाहिए। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को राजभवन में उनसे मिलने आए संसदीय राजभाषा की पहली उप-समिति के प्रतिनिधिमण्डल से बातचीत करते हुए कही। इस प्रतिनिधिमण्डल में उप-समिति के सदस्य श्री रामचन्द्र जांगडा (सांसद राज्य सभा), श्री धर्मेन्द्र कश्यप (सांसद लोक सभा) तथा श्याम सिंह यादव (सांसद लोक सभा) थे। यह समिति देश में हिन्दी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गृह मंत्रालय के अधीन कार्य कर रही है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में मेडिकल और इन्जीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू कर रही है। इसी उद्देश्य से अभी तक मेडिकल और इन्जीनियरिंग के सिलेबस का 11 भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। उन्होंने कहा कि आगामी 2025 तक हरियाणा के अधिकतर विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों की पढ़ाई हिन्दी भाषा में शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग पर बल दिया गया है।
समिति के सदस्य श्री रामचन्द्र जांगडा (सांसद राज्यसभा) ने बताया कि देश में हिन्दी भाषा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय के तहत समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के कार्यालयों का दौरा कर निरीक्षण किया जा रहा है कि हिन्दी भाषा का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा से हो। उन्होंने बताया कि पूरे देश को तीन जोनों में बांटा गया है क, ख और गैर हिन्दी भाषी क्षेत्र उत्तर भारत में अधिकतर राज्य ‘‘क’’ जोन में आते है। जहां सरकारी कार्यालयों में शत-प्रतिशत हिन्दी का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। समिति ने अपने इस दौरे में पाया कि हरियाणा स्थित केन्द्र सरकार के सरकारी व अर्ध सरकारी कार्यालयों में 95 से 98 प्रतिशत हिन्दी भाषा का प्रयोग हो रहा है।
उन्होंने कहा कि गत वर्षों में हिन्दी का विकास हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रावधान किया गया है कि दक्षिण भारत की एक-एक भाषा उत्तर भारत के हिन्दी भाषी राज्यों में पढ़ाई जाएगी। इसी प्रकार से हिन्दी भाषा सभी दक्षिणी राज्यों यानि गैर हिन्दी भाषी में भी पढ़ाई जाएगी। उन्होंने राज्यपाल श्री दत्तात्रेय को हिन्दी के विकास और ज्यादा से ज्यादा प्रसार से सम्बन्धित ज्ञापन भी दिया।
कैप्शन-1- संसदीय राजभाषा की पहली उप-समिति का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राजभवन में हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन सौंपते हुए।