वेदांता लिमिटेड को ‘द सस्टेनेबिलिटी इयरबुुक 2021’ में शामिल किया गया

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चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री : : पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रशासन (ईएसजी) प्रथाओं के लिए मजबूत प्रतिबद्धता के लिए वेदांता लिमिटेड को एस एंड पी ग्लोबल द्वारा दो श्रेणियों ‘एसएएम इंडस्ट्री मूवर्स‘ और ‘सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक मेंबर‘ के तहत ‘द सस्टेनेबिलिटी इयरबुुक 2021’ में शामिल किया गया है। वेदांता की कंपनी हिंदुस्तान जिंक को भी इस वर्ष के संस्करण में स्थान दिया गया है।
एसएपी ग्लोबल की ‘द सस्टेनेबिलिटी इयरबुुक’ विश्व के सबसे व्यापक प्रकाशनों में से एक है जो कॉर्पोरेट रिस्पान्सबिलिटी पर गहराई से विश्लेषण प्रदान करता है। इस वर्ष द सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक द्वारा 61 विभिन्न उद्योगों की 7000 से अधिक कंपनियों को शामिल किया गया जिनमें वेदांता और हिंदुस्तान जिंक को 630 स्थिरता वाले शिर्ष में स्थान दिया गया, जिन्हें एस एंड पी ग्लोबल ईएसजी स्कोर के आधार पर मूल्यांकन और रेटिंग की कठिन प्रक्रिया के बाद चुना गया।इसके साथ ही, वेदांता के अधिक पर्यावरणीय पारदर्शिता और कार्रवाई के लक्ष्य के अनुरूप, कंपनी का सीडीपी स्कोर सी से बी की ओर उत्कृष्ट हुआ है। विगत वर्ष में कंपनी का स्कोर डी से बी की और अग्रसर हो कर बेहतर हुआ है। सीडीपी सीडीआर के जलवायु परिवर्तन, वन और जल सुरक्षा प्रश्नावली में भागीदारी के माध्यम से पर्यावरणीय प्रभावों को मापने और प्रबंधित करने हेतु स्कोरिंग पद्धति का उपयोग कर कंपनियों को प्रोत्साहित करता है।वेदांता टास्क फोर्स द्वारा जलवायु से संबंधित वित्तीय प्रकटीकरणों के और पारदर्शिता के लिए अच्छी प्रथाओं और मानकों को विकसित करने के लिए टीसीएफडी के साथ सहयोग किया है। जिसका लक्ष्य नवीन तकनीकी समाधानों के माध्यम से 2012 के हमारे आधारभूत वर्ष से 2025 तक 20 प्रतिशत उत्सर्जन की तीव्रता को कम करना है।वेदांता समूह के चीफ सेफटी ऑफिसर सुनील दुग्गल ने कहा कि ‘‘वेदांता के सभी कार्यों में जीरो हार्म, जीरो वेस्ट और जीरो डिस्चार्ज की महत्वाकांक्षी दृष्टि है। हम वर्तमान में संपत्ति अनुकूलन, औद्योगिक सहजीवन, बेहतर सामुदायिक संबंधों और रणनीतिक कार्बन एजेंडे के माध्यम से इसे पूर्ण करने की ओर अग्रसर हैं। परिचालनों के भीतर हमारे अभ्यास एसडीजी -12 से स्थायी उपभोग और उत्पादन के अुनरूप हैं। हम श्रेष्ठ सस्टेनेबल तरीके से व्यापार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह अद्भुत है कि हमारे प्रयासों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है।