चंडीगढ़ सुनीता शास्त्री। ज़ीरकपुर, एक अध्ययन के अनुसार सबसे ठंडे महीनों में दिल के दौरे में 31 प्रतिशत की वृद्धि पाई गई है। जिम्मेदार कारण हैं, थक्का बनने का जोखिम, धमनियों का संकुचित होना, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि, विटामिन डी के स्तर में गिरावट और गतिहीन जीवन शैली।ज़ीरकपुर के एमकेयर अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट , डॉ मोहित भूटानी ने कहा कि सर्द मौसम दिल संबंधी समस्याओं के लिए जोखिम वाले कारकों को बढ़ाता है। ठंड का मौसम हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है जो दिल को जरूरत से अधिक मेहनत करने के लिए मजबूर कर सकता है। इस प्रकार हार्ट अधिक ऑक्सीजन वाले रक्त की मांग करता है।काफी अधिक सर्दी हमें अत्यधिक परेशान करती है। थकावट दिल की ऑक्सीजन की मांग को बढ़ाती है। हार्ट की धमनी में रुकावट मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को कम करती हैँ। ऐसे में रक्त की सप्लाई मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं रहती है।उन्होंने कहा कि सर्दियों में कमजोर दिल वाले लोगों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए। डॉ भूटानी ने कहा कि धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, पारिवारिक इतिहास और मोटापा जैसे कारक जोखिम को और बढ़ा देते हैं, इसलिए इन कारकों की गहन जांच काफी अधिक महत्वपूर्ण है।डॉ भूटानी कहते हैं, अपने आप को बचाने का सबसे अच्छा तरीका गर्म रहना । ठंड के मौसम में गर्म कपड़े पहनना भी उतना ही जरूरी है। लेकिन बहुत अधिक गर्म कपड़े रक्त वाहिकाओं को पतला कर सकते हैं जो ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। ब्लड प्रेशर में गिरावट दिल की रक्त की आपूर्ति को कम कर सकती है जो घातक हो सकती है।
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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020