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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

‘विजन जीरो फॉर यूथ’ के तहत बच्चों के लिए सुरक्षित स्कूल बनाने के लिए हुआ ट्रायल

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– नगर निगम गुरूग्राम व जिला प्रशासन के सहयोग से डब्ल्यूआरआई
इंडिया व राहगिरी फाऊंडेशन ने गुरूग्राम में विजन जीरो के तहत सैक्टर-47
में ट्रायल प्रक्रिया की शुरू
– माऊंट ओलम्पस स्कूल के पास विशेष रूप से बच्चों के लिए 200 मीटर
सडक़ पर फुटपाथ, पिक-अप एवं ड्रॉप सुविधाओं के साथ-साथ आकर्षक
वेटिंग एरिया, स्कूल गेट के सामने सुरक्षित क्रॉसिंग जोन आदि का किया
ट्रायल
गुरूग्राम, 9 नवम्बर। विजन जीरो फॉर यूथ के तहत बच्चों के लिए सुरक्षित स्कूल बनाने के लिए नगर निगम गुरूग्राम व जिला प्रशासन के सहयोग से डब्ल्यूआरआई इंडिया व राहगिरी फाऊंडेशन ने सैक्टर-47 स्थित माऊंट ओलम्पस स्कूल के पास एक विशेष ट्रायल किया।
शहरी पैमाने पर डिजाईन की अस्थाई स्थापना, जिसे सामरिक शहरीवाद भी कहा जाता है के तहत सैक्टर-47 में एक स्कूल जोन बनाने के लिए यह परीक्षण किया गया। विशेष रूप से बच्चों के लिए सडक़ को सुरक्षित बनाने के इरादे से कोन्स, पेंट, पर्ननवीनीकरण सीटों और कुछ संकेतों की मदद से अस्थाई परिवर्तन किया गया। स्कूल की सडक़ के 200 मीटर दायरे में बच्चों के लिए फुटपाथ, पिक-अप और ड्रॉप सुविधाओं के साथ-साथ आकर्षक वेटिंग एरिया, स्कूल गेट के सामने सुरक्षित क्रॉसिंग जोन बनाए गए। नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त विनय प्रताप सिंह तथा चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और उनकी टीम ने स्कूल के आसपास के कैरिजवे के परिवर्तन की प्रक्रिया का नेतृत्व किया। यह एक दिन का परीक्षण काफी सफल रहा, जहां तकनीकी टीमों के हितधारकों औ स्वयंसेवकों ने शहर के लिए पहला मॉडल स्कूल जोन बनाने में सफलता हासिल की। स्थानीय निगम पार्षद कुलदीप यादव ने भी इस पहल का समर्थन किया और समावेशी सडक़ों के निर्माण के लिए टीम के प्रयासों की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि हम अपने दैनिक दिनचर्या की योजना में अपने बच्चों की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देते हैं। एक अनुमान के अनुसार हर दिन 43 बच्चे भारतीय सडक़ों पर दुर्घटना का शिकार होते हुए। इन मौतों की बड़ी वजह सुरक्षित बुनियादी ढ़ांचे की कमी है। वर्ष 2016 में 1.5 लाख से अधिक लोग सडक़ दुर्घटनाओं में मारे गए थे। सडक़ सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसे हर बच्चे को जानना चाहिए और उसके साथ बड़ा होना चाहिए, बशर्ते उनके पास बुनियादी ढ़ांचा हो।