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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ट्वीट क़ानून नहीं हो सकता।मौजूदा भाजपा सरकार किसानों से सीधे संवाद से डरती है। अगर सरकार के मन में कोई चोर नहीं तो फिर कानून में किसानों के लिए MSP यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान करने की बजाय सिर्फ प्रधानमंत्री सिर्फ ट्वीट क्यों कर रहे हैं । क्या इस ट्वीट को ही कानून समझा जाए।

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कुमारी सैलजा आज सिरसा अनाज मंडी में आढतियों के धरने को और लघु सचिवालय में किसानों के धरने को संबोधित कर रहीं थीं। यहां किसानों के साथ धरना दे रहे पी टी आई के बर्खास्त शिक्षकों को भी संबोधित करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि विधानसभा के अगले सेशन में कांग्रेस विधायक उनके हक के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे। ये सरकार अगर चाहती तो इन शिक्षकों के लिए बहुत कुछ कर सकती थी।

किसानों को संबोधित करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसान, मजदूर और आढ़ती भाइयों की लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ रही है। किसान विरोधी बिल जबरदस्ती पास किए गए और जिस तरह से यह राज्यसभा में पास करवाए गए, यह सीधे लोकतंत्र की हत्या है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए यह काले कानून सिर्फ कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। APMC प्रणाली के खत्म होने का मतलब है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का खत्म होना। यह बिल किसानों के साथ संघीय ढांचे के भी खिलाफ हैं। बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई भी गारंटी क्यों नहीं दी गई है? इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा और किसान पूंजीपतियों के गुलाम बनकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की नियत साफ होती तो वह न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देती।

कुमारी सैलजा ने कहा कि इस सरकार का संवाद में बिल्कुल भी विश्वास नहीं है। किसान आवाज उठाएं तो उनपर लाठियां बरसाओ और सांसद आवाज उठाएं तो उन्हें निलंबित कर दो। भाजपा सरकार लगातार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटकर कर काले कानून पास करवाए हैं। देश को मुनाफाखोरी की तरफ ले जाया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा कृषि बिलों पर किए गए ट्वीट पर कहा कि क्या ट्वीट कानून की जगह ले सकता है। यदि कोई कोर्ट में जाएगा तो वहां पर कानून दिखाने को कहा जाएगा, न कि ट्वीट। इनकी बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार द्वारा अभी गेहूं समेत अन्य फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी किसानों के साथ एक भद्दा मजाक है। गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि पिछले आठ सालों में सबसे कम है। इसी तरह से अन्य फसलों में हुई बढ़ोतरी भी किसानों के साथ एक भद्दा मजाक है।

कुमारी सैलजा ने हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार सत्ता के स्वार्थ में किसान, गरीब का हित भूल चुकी है। कांग्रेस पार्टी द्वारा इन काले का कानूनों के खिलाफ सोमवार को पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन आयोजित किए गए थे और आगे भी कांग्रेस पार्टी की लड़ाई जारी रहेगी।

इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश कांग्रेस महासचिव डॉ अजय चौधरी, विधायक शीशपाल केहरवाला, पूर्व सांसद चरणजीत रोड़ी, वरिष्ठ नेता होशियारी लाल शर्मा, हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग, पूर्व सांसद डॉ सुशील इंदौरा, पूर्व विधयक भरत सिंह बेनीवाल, सुभाष जोधपुरिया, जग्गा बराड़ा, विनीत कंबोज, गुरनाम झब्बर, नायाब सिंह, कल्दीप गदराना व अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद थे।