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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

स्वतंत्रता दिवस पर संवाद मंच की विशेष ऑन लाइन देश प्यार पर गोष्ठी

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मेरा भारत मेरा प्यारा वतन, मेरी रंग रंग में सदा बसता है
चंडीगढ़: संवाद-साहित्य मंच और आचार्यकुल चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर विशेष ऑन लाइन देश प्यार पर आज गोष्ठी का आयोजन किया गया। के.के.शारदा , अध्यक्ष स्वतंत्रता सेनानी एसोसिऐशन ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम के आरम्भ में कवयित्री नीरू मित्तल ने सरस्वती वन्दना और मंच के अध्यक्ष पे्रम विज ने स्वागत किया।
अमेरिका से पधारी सरिता मेहता ने मधुर आवाज में गीत पेश करते हुए कहा ‘‘मेरा भारत मेरा प्यारा वतन मेरी रंग-रंग में सदा बसता है। निशा भार्गव ने अपने गीत में आजादी के मतवालों को याद करते कहा’’आओ आज उन मतवालों की बात करते है/ वतन पर मिट जाने वालों को याद करते है। प्रज्ञा शारदा ने सरहद कविता पढ़ते हुए कहा तिरंगा थामे हाथों में वो/नींद में भी जागा रहता है। इन्द्र वर्षा ने भारत की मिट्टी कविता में कहा चालबाज चीन के अब हम / दांँत खट्टे करके ही रहेंगे।
शायर सुशील हसरत नरेलवी ने गजल के माध्यम से कहा वतन के वास्ते दी जान जिन्होंने हँसते-हँसते/करेगें वे यहाँ सबके दिलों पर राज यारों।
प्रेम विज ने आओ साथियों गीत के माध्यम से कहा..आओ साथियों भारत का/निर्माण करें हम/गांधी जी के सपनों को साकार करें हम।
अशोक भंडारी नादिर ने गजल पेश करते हुए अजमत हिंद की हमको तो अपनी जां से प्यारी है / मिट़्टी मां है ये सबकी हमे ये जां से प्यारी है
गुरमीत बेदी ने अपनी कविता आज़ादी में कहा महज तीन अक्षरों का नाम नहीं है/संघर्ष की एक अनवरत गाथा है।
विजय कपूर ने अपनी कविता लहू से भीगते-भीगते में कहा जहाँ लहू से भीगते-भीगते एक दिन हो जाता है भविष्य सुन्दर। पेश कर महौल को देशभक्ति से भर दिया।
इसके अलावा दलजीत कौर, नीरू मित्तल, दीपक खेतरपाल, विनोद खन्ना, सुभाष रस्तोगी, बी.के. गुप्ता, सुभाष भास्कर, विनोद शर्मा और एस.राकेश ने भी अपनी कविताओं मे देशभक्ति का गुणगान किया।