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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

सरकार अपने खर्च पर भेजेगी दूसरे राज्यों के श्रमिक, 1 दिन में 45 हजार का रजिस्ट्रेशन

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  • हरियाणा में घर बना चुके मजदूर भी जाना चाहते हैं अपने गांव

दैनिक भास्कर

May 05, 2020, 07:38 AM IST

पानीपत. (मनोज कुमार) जिन मजदूरों के बूते इंडस्ट्री का चक्का चलता है, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग खड़ी होती, पुल-सड़क बनते हैं, उनका हरियाणा से पलायन शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार अपने खर्चे पर श्रमिकों को उनके राज्यों में वापस भेजेगी। एक ही दिन में पोर्टल पर 45 हजार मजदूरों ने अपने घर जाने की इच्छा जताई है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो अपना गांव-घर छोड़कर हमेशा के लिए यहां बस गए थे। यहां का राशन कार्ड बन चुका है, बच्चे यहां पढ़ रहे हैं। लेकिन वर्तमान स्थिति में वे अपने गांव जाना चाहते हैं। 
नई दिल्ली से विशेष ट्रेनों के जरिए उनकी वापसी कराई जाएगी। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों के खेतिहर मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है। होम डिपार्टमेंट के एसीएस विजय वर्धन ने प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वे जहां हैं, वहीं रहें। सरकार उन्हें भेजने की व्यवस्था कर रही है। इससे पहले भी 16 हजार से ज्यादा मजदूर अपने घरों को जाना चाहते थे, जिन्हें सरकार ने रिलीफ कैंपों में रखा। उनमें करीब 11 हजार मजदूर जा चुके हैं। ऐसे में हरियाणा में आर्थिक गतिविधियों का पहिया आगे बढ़ाने वाले मजदूरों की कमी से बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। श्रमिकों को अपने वापस घर जाने की बड़ी वजह कोरोना का डर है। उनकी यही सोच बन गई है कि अब स्थिति भयावह होने ली है। प्रदेश में करीब साढ़े चार लाख रजिस्टर्ड श्रमिक हैं, जबकि लाखों अनरजिस्टर्ड हैं।  

कई राज्यों के रहते हैं श्रमिक, इस वक्त सभी की एक जैसी सोच 
हरियाणा में यूपी, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु समेत अनेक राज्यों के श्रमिक रहते हैं। ये लोग खेती से लेकर अन्य प्रोजेक्ट और इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं, लेकिन सभी घर जाना चाहते हैं। बड़ी बात यह है कि सभी मजदूर भले ही आपस में कभी नहीं मिले, लेकिन इस वक्त सभी की सोच एक जैसी है और वे अपने मूल गांव में जाना चाहते हैं।
एक ट्रेन में बैठाए जाएंगे 1200 श्रमिक

हरियाणा में यूपी के करीब 11 हजार श्रमिकों को बसों से भिजवाया गया था। लेकिन अब घर जाने के इच्छुक लोगों का आंकड़ा बढ़ने पर ट्रेन शुरू की जाएगी। पहले दूसरे राज्यों में जाने वालों का रजिस्ट्रेशन होगा। राज्यवार लिस्ट बनेगी। क्योंकि एक ट्रेन में 1200 लोगों को ही बैठाया जाएगा।