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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

कुश्ती का क ख ग भी नहीं जानती पूर्व राष्ट्रीय कोच की पत्नी, लेकिन अब पति का पार्टनर बनकर देशभर के 300 प्रशिक्षकों को सीखा रही कुश्ती के दांव-पेंच

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  • कुश्ती में प्रेक्टिकल के लिए साथी की जरूरत होती है, जिसे पूरा करने के लिए पत्नी निभा रही साथ

दैनिक भास्कर

May 05, 2020, 07:45 AM IST

सोनीपत. कोरोना संक्रमण के चलते खिलाड़ी मैदान से दूर हैं, लेकिन कोच नहीं। वे अपनी जिम्मेदारी निभाने में जुटे हुए हैं। वह विपरीत हालात में प्रशिक्षण को बेहतर करने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं। इसमें उनका परिवार भी साथ दे रहा है। 
भारतीय महिला कुश्ती टीम के पूर्व कोच ओपी यादव भी उनमें शामिल हैं। वे देश के करीब 300 कुश्ती प्रशिक्षकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दे रहे हैं। इसको प्रैक्टिकल करके दिखाने के लिए उनका साथ उनकी पत्नी दे रही हैं, जिनको कुश्ती का क ख ग भी नहीं आता है। ओपी उन पर ही अपने दांव-पेंच आजमा कर दिखाते हैं। नियम के साथ ही कुश्ती से जुड़ी उपयाेगी जानकारी साझा करते हैं। 
यह यादगार और अनोखा अनुभव

भारतीय कुश्ती टीम के कोच रहे कृपाशंकर बिश्नोई ने कहा कि ऑनलाइन ट्रेनिंग का अनुभव काफी यादगार रहा है। इसमें देश भर के प्रशिक्षकों के साथ सीधा संवाद और ट्रेनिंग से जुड़े कई अनुभव करीब से समझने को मिले हैं।

हर दिन सुबह 10 से 11 बजे तक करवाते हैं ट्रेनिंग
जूम वीडियो कॉलिंग एप के माध्यम से भारतीय खेल प्राधिकरण, एनआईएस पटियाला में कर्नल राज सिंह बिश्नोई ने संस्थान के प्रमुख के प्रयासों के साथ एक निर्धारित ज़ूम वीडियो मीटिंग के लिए देश में कुश्ती से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया। इसमें प्रतिदिन सुबह 10 से 11 बजे तक इस प्रोग्राम में देश के करीब तीन सौ से ज्यादा कुश्ती प्रशिक्षकों को जोड़ा गया। इसमें प्रशिक्षण का जिम्मा देश के प्रसिद्ध कुश्ती गुरु व भारतीय खेल प्राधिकरण के कुश्ती कोच ओपी यादव को सौंपा है। 

पत्नी को नहीं आती कुश्ती, लेकिन ट्रेनिंग में निभाया पूरा साथ 
भारतीय कुश्ती टीम के पूर्व कोच ओपी यादव की पत्नी को कुश्ती के बारे में कुछ भी नहीं पता है, लेकिन बावजूद उन्होंने उनका पूरा साथ दिया। साई के सीनियर कोच ने बताया कि कुश्ती में एक साथी की काफी आवश्यकता है, चूंकि लॉक डाउन में कोई और साथी मिलना संभव नहीं है इसलिए अपनी पत्नी को ही साथी बना लिया। किसी भी दांव को केवल तभी समझा जा सकता है जब उन्हें ठीक से प्रदर्शित किया जाए।