स्वच्छता के मामले में 3 वर्षों से टॉप-200 शहरों की रेस से बाहर रहे अपने शहर की इस बार भी रैंकिंग में सुधार की उम्मीद कम ही है। क्योंकि 4 क्वार्टर में हो रहे स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के चौथे क्वार्टर में सर्वे 31 जनवरी को पूरा हुआ। जिसमें केंद्र की टीमें सर्वे कर लौट गई। निगम अफसरों को बिन बताए गुपचुप सर्वे कर रही टीम ने कैल स्थित कचरा प्लांट का भी निरीक्षण किया। हालांकि यहां शहर से निकल रहे रोज के 300 टन कचरे की छंटनी होती मिली। लेकिन प्लांट बीते वर्षों की तरह बंद होने के साथ खस्ताहाल टिपर टीम के हाथों डायरेक्ट अब्जर्वेशन के 1500 अंकों में कटौती कराएगा। इसी तरह सर्वे के दूसरे मानक जांचने वाली अन्य टीमों के हाथों नंबर कटने दूर शहर के हाथों के 1500 अंकों भी पूरे नहीं मिल पाएंगे। क्योंकि फीडबैक देने में शहर बहुत पीछे रह गया और निगम एरिया की अबादी से दो प्रतिशत भी फीडबैक नहीं हो पाया। बता दें कि सर्वेक्षण के दौरान निगम अफसरों से लेकर सक्षम कर्मी फीडबैक जुटाने में लगे थे। इसके अलावा निगम के सफाई कर्मियों से लेकर ठेकेदार और अन्य विभागों से भी फीडबैक ज्यादा से ज्यादा देने के लिए अपील थी। बावजूद इसके यमुनागर-जगाधरी एरिया से वोट फॉर यूअर सिटी एप पर 2253 लोगों के ही फीडबैक दर्ज हो पाए। जबकि एसएस-2020 पोर्टल पर 60 व स्वच्छता एप पर 21 दर्ज हुए। बीते वर्षों की तरह अबके भी कचरे के उचित प्रबंधन न होने से डायरेक्टर अब्जर्वेशन समेत फीडबैक रैंकिंग बिगाड़ने के फैक्टर रह सकते हैं।
3 वर्षों में रैंकिंग
वर्ष रैंक
2017 346
2018 310
2019 218
इस श्रेणी में इतने अंक
श्रेणी अंक:
डायरेक्ट अब्जर्वेशन 1500
गारबेज फ्री सिटी, रेटिंग व ओडीएफ 1500
सिटीजन फीडबैक 1500
सर्विस लेबर प्रोग्रेस 1500
कुल 6000
इस बार रैंकिंग में सुधार होगा : नैन
ऐसे बनेगा फाइनल स्कोर
इस बार 4370 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 चार क्वार्टर में हुआ। जो इस बार 6 हजार अंकों का है। नगर निगम यमुनानगर जगाधरी का पहले क्वार्टर, अप्रैल-जून में 134 व दूसरे क्वार्टर, जुलाई-सितंबर में 119 रैंक रहा। अभी तीसरे क्वार्टर, अक्टूबर-दिसंबर का रिजल्ट आने वाला है और 31 जनवरी को चौथा क्वार्टर, जनवरी-मार्च पूरा हुआ। चारों क्वार्टर में मिले अंकों के 25.25 फीसद अंक मिलाकर फाइनल रिजल्ट आएगा।
यमुनानगर|शक्तिनगर में सड़क किनारे गंदगी व कचरे से अटे डस्टबिन।