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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

संघ से जुड़ने से पहले कपड़े की दुकान चलाते थे खट्टर, 2014 में पहली बार चुनाव लड़े और मुख्यमंत्री बने

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  • पढ़ाई के दौरान सब्जी बेचने का भी काम करना पड़ा, हरियाणा छोड़कर दिल्ली आए, यहीं संघ से जुड़े
  • इमरजेंसी के दौरान संघ से जुड़े, 1980 में प्रचारक बने, 1994 में संघ से भाजपा में भेजा गया

Dainik Bhaskar

Oct 27, 2019, 02:44 PM IST

पानीपत (मनोज कौशिक). मनोहर लाल आज लगातार दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर आए दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बनेंगे। शपथ लेने जा रहे दोनों नेताओं का करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा है।

मनोहर लाल खट्टर का जन्म निंदाना गांव में 1954 में हुआ था। उनके दादा भगवानदास खट्टर बंटवारे के वक्त पाकिस्तान से आए थे। बंटवारे के बाद भारत आने के बाद उनके दादा और पिता हरबंसलाल खट्टर शुरूआती दिनों में मजदूरी करनी पड़ी। बाद में उन्होंने गांव में ही दुकान खोली। इसके बाद उनके पिता पड़ोस के बनियानी गांव में आ गए। जमीन ली और खेती करने लगे। यहां से मनोहर लाल ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की।

कभी सब्जी बेचा करते थे खट्टर
खट्टर जब 10वीं में थे तो सुबह खेत से सब्जी तोड़ने का जिम्मा उन्होंने संभाल लिया था। वह रोजाना साइकिल पर सब्जी लादकर रोहतक मंडी आते और फिर वहां से गांव लौटकर स्कूल जाते। हाईस्कूल के बाद खट्टर डॉक्टरी की पढ़ाई करना चाहते थे, पर पिता चाहते थे कि वे खेती या बिजनेस करें। वे नहीं माने और दिल्ली अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए। यहां रहते-रहते उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई का मोह छोड़ दिया। वहां से दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और ग्रेजुएशन किया।

कपड़े की दुकान भी चलाई, इमरजेंसी में संघ से जुड़े
आजीविका के लिए रिश्तेदारों की कपड़े की दुकान पर काम सीखा और खुद की दुकान खोल ली। इसी दुकान की कमाई से बहन की शादी की और दो भाइयों को अपने पास बुला लिया। 1976 में इमरजेंसी के दौरान संघ से जुड़ गए और स्वयंसेवक बन गए। वे अटल बिहारी वाजपेयी से इतने प्रभावित थे कि शादी न करने का मन बना लिया। 1980 में प्रचारक बन गए। 1994 में उन्हें भाजपा में भेजा गया। 2014 के चुनाव में भाजपा ने सीधे करनाल विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए उतारा। वे यहां से बड़ी जीत हासिल कर विधायक दल के नेता चुने गए और सीएम बने। 2019 में दोबारा सीएम पद की शपथ ले रहे हैं।

दुष्यंत ने पिता-दादा के जेल जाने के बाद संभाली राजनीतिक विरासत
दुष्यंत चौटाला 3 अप्रैल 1988 को देवीलाल परिवार में पैदा हुए। ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला और पुत्रवधु नैना चौटाला के घर उनका जन्म हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिसार के हाई स्कूल से ली। इसके बाद हिमाचल प्रदेश से 10वीं की। आगे की पढ़ाई करने के लिए यूएसए चले गए। 2011 में वहां से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में बीएससी किया। 2013 में दुष्यंत के दादा ओमप्रकाश चौटाला और पिता अजय चौटाला को कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा सुनाई। पिता और दादा का जेल जाना हुआ और यहीं से दुष्यंत का राजनीतिक सफर शुरू हुआ।

2014 में सबसे युवा सांसद थे, चाचा से विवाद के बाद अपनी पार्टी बनाई
2014 लोकसभा चुनाव में इनेलो ने दुष्यंत को हिसार लोकसभा सीट से उतारा। वे कुलदीप बिश्नोई को चुनाव हराकर 26 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे। 18 अप्रैल 2017 को दुष्यंत ने आईजी परमजीत अहलावत की बेटी मेघना से शादी की। 2018 में चौटाला परिवार की कलह इतनी बढ़ी कि इनेलो ने दुष्यंत, दिग्विजय और अजय चौटाला को पार्टी से निकाल दिया। 9 दिसंबर 2018 को दुष्यंत ने जननायक जनता पार्टी की स्थापना की। 2019 लोकसभा चुनाव में दुष्यंत हिसार से खड़े हुए लेकिन हार गए। गठन के करीब 11 महीने बाद दुष्यंत की पार्टी 10 सीटें जीतने में कामयाब रही।

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