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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

शौर्य ये दिवाली वीर परिवार के साथ-भारतीय शहीदों और उनके बच्चों के प्रति कृतज्ञता अभियान

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चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। ट्राईसिटी के एनजीओ आई एम स्टिल ह्यूमन (आईएएसएच) द्वारा शौर्य ये दिवाली वीर परिवार के साथ नामक अभियान का यहां एक प्रेस कांफे्रंस में औपचारिक रूप से अनावरण किया गया। यह अभियान भारतीय सेना के शहीदों और उनके परिवार एवं बच्चों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए चलाया जा रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को विवेक मेहरा, संस्थापक, आई एम स्टिल ह्यूमन, रमन गुप्ता, सह-संस्थापक व डायरेक्टर जीबीपी समूह, भवप्रीत सिंह, सह-संस्थापक, शौर्य इंडिया, कुलदीप कुमार सैनी, संरक्षक, गौरव अग्रवाल, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, बॉबी सिंह, सदस्य, अरुण बत्रा, सीओओ, आई एम स्टिल ह्यूमन और कर्नल (सेवानिवृत्त) मनविंदर सिंह ने संबोधित किया।
विवेक मेहरा ने कहा, ‘दिवाली का शुभ त्यौहार बहादुर शहीदों के परिवारों को सम्मानित करके कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है। शौर्य अभियान के तहत, हम जबलपुर में रेजिमेंट के छात्रावास में रह रहे जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स (जे एंड के राइफल्स) के शहीदों के बच्चों के लिए दिवाली के उपहार एकत्र करेंगे। सेना ने उन 65 बच्चों की देखभाल के लिए एक छात्रावास की स्थापना की है जिनके पिता देश के लिए लड़ते हुए शहीद हो गये। हम उनके लिए वीडियो संदेश भी एकत्र करेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह (सेवानिवृत्त), पीवीएसएम, एवीएसएम शौर्य अभियान के एम्बेसडर हैं। ट्राइसिटी का जाना-माना कॉरपोरेट समूह- जीबीपी ग्रुप अपनी सीएसआर पहल के तहत इस नेक काम को समर्थन दे रहा है।जीबीपी समूह के सह संस्थापक व डायरेक्टर रमन गुप्ता ने कहा, ‘सेना देश भर में ऐसे बच्चों की रेजिमेंट का ख्याल रखती है और हम भारतीय सेना के शहीदों के इन बच्चों को दिवाली पर अपना विनम्र समर्थन देना चाहते हैं। हमने 23 अक्टूबर तक ट्राईसिटी में हमारे सभी कार्यालयों में छोटे-बड़े हर प्रकार के उपहार एकत्र करने की व्यवस्था की है। हमारे जिन कार्यालयों में ऐसे उपहार दिये जा सकते हैं, वे सेक्टर 34 चंडीगढ़, जीबीपी सेंट्रम जीरकपुर और जीबीपी एथेंस, निकट मैक्डोनल्ड्स, जीरकपुर में स्थित हैं। उपहार दान करने के बारे में अधिक जानने के लिए 99140-43336 नंबर पर कॉल कर सकते हैं, जो इस काम के लिए एक समर्पित लाइन है। भवप्रीत सिंह ने कहा, ‘उपहार और चंदा एकत्र होने के बाद, आईएएसएच के स्वयंसेवक दो मोटरबाइक्सपर सवार होकर जबलपुर जायेंगे। उपहारों से भरी एक कार साथ में चलेगी। मैं और विवेक मोटरबाइकों पर होंगे और कार को अर्नव बत्रा चलायेंगे। यात्रा 25 अक्टूबर को सुबह 8 बजे जीबीपी सेंट्रम, जीरकपुर से रवाना की जाएगी। हम उन बच्चों के साथ दिवाली मनाने के बाद 29 अक्टूबर को वापस आएंगे। जबलपुर की यात्रा के पीछे विचार यह है कि बच्चों की जरूरतों को अधिक से अधिक जाना जाये। इससे उन्हें अपने भविष्य के करियर के लिए सही संसाधन पाने में मदद मिलेगी। इस पहल से दिवाली और भी खूबसूरत हो जायेगी।कर्नल (सेवानिवृत्त) मनविंदर सिंह ने कहा, ‘मैं इस आइडिया को संभव करने के लिए आईएएसएच को बधाई देता हूं। हमें एक राष्ट्र के रूप में देश की रक्षा में अपने वीर रक्षा बलों द्वारा किये गये महान बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। इस तरह के प्रयासों से बच्चों में और शहीदों के परिजनों में विश्वास और आशा जगती है कि पूरा देश उनके पीछे एक तरह से मजबूती से खड़ा है। अर्णव बत्रा के अनुसार, अभियान का मकसद नागरिकों को शहीदों के परिजनों के कल्याण, विशेषकर उनके बच्चों के कल्याण में मदद करने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना है। यह केवल भारतीय सेना का ही नहींं, बल्कि देश के नागरिकों का भी कर्तव्य है कि उनके परिजनों की देखभाल करें। इन बच्चों पिताओं के बलिदान के कारण ही हम एक स्वतंत्र राष्ट्र में सांस लेने में सक्षम हैं। उल्लेखनीय है कि आई एम स्टिल ह्यूमन ट्राईसिटी का एक गैर-सरकारी संगठन है, जो ऐसी बहुआयामी गतिविधियों में शामिल है, जिनका उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना और समग्र रूप से समाज की बेहतरी के लिए उनकी ऊर्जा को पुनर्निर्देशित करना है। इस पहल से पहले, इस एनजीओ ने भारतीय सेना के साथ मिलकर सात ब्लड कनेक्ट कैंपों का आयोजन किया है, जहां एकत्रित रक्त को विभिन्न कमांड अस्पतालों और एएफटीसी नई दिल्ली को प्रदान किया गया।