- कपिल देव ने पहली बार 1982-83 के सीजन में श्रीलंका के खिलाफ टीम की कप्तानी संभाली थी
- उन्होंने कहा- कई चीजें आपको पहले मिल जाती हैं और उनकी अहमियत बाद में समझ आती है
Dainik Bhaskar
Oct 21, 2019, 09:35 AM IST
नई दिल्ली. कपिल देव ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान अपनी कप्तानी के दिनों की कुछ यादें साझा कीं। 1982-83 के सीजन में 23 साल की उम्र में टीम इंडिया की कप्तानी संभालने वाले कपिल ने कहा, “कप्तान की भूमिका में आने के बाद मुझे काफी अजीब लगता था कि मैं इस पद पर पहुंच गया और मेरे हीरो मेरे नेतृत्व में खेल रहे हैं। इसलिए वह काफी मुश्किल समय था। लेकिन मैंने एक बात ठान ली थी कि फील्ड पर मैं कप्तान हूं और फील्ड के बाहर सभी सीनियर्स मेरे कप्तान।”
कपिल ने कहा, “जब मुझे कप्तानी सौंपी गई तो मैं खुश होने के साथ डरा हुआ था। खुशी इस बात की थी कि सिलेक्टर्स ने मुझे कप्तानी के लायक समझा और डर इस बात का था कि आखिरी सीनियर खिलाड़ियों को मैं कैसे संभालूंगा। लेकिन सीनियर्स के साथ रहना भी अपने आप में एक खुशी की बात थी।”
गावस्कर की गैर-मौजूदगी में पहली बार संभाली थी कप्तानी
कपिल देव 1982-83 के श्रीलंका दौरे पर पहली बार टीम इंडिया के कप्तान बनाए गए थे। इस दौरान सुनील गावस्कर को आराम दिया गया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ 1982-83 के वेस्टइंडीज दौरे में उन्हें पहली बार पूर्ण कप्तान बनाकर भेजा गया था। 1983 वर्ल्ड कप में टीम को जीत दिलाने में कपिल की अहम भूमिका रही थी। उन्होंने टूर्नामेंट में बल्लेबाजी में 303 रन बनाए। वहीं गेंदबाजी में 12 विकेट लिए थे।
‘83 फिल्म मेरे बारे में नहीं, पूरी टीम की वर्ल्ड कप जीत पर’
1983 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की जीत पर बन रही फिल्म 83 पर एक सवाल भी पूछा गया। इसमें अभिनेता रणवीर सिंह कपिल की भूमिका निभा रहे हैं। इस पर कपिल ने कहा, “यह फिल्म मेरे बारे में नहीं, बल्कि इस बारे में है कि पूरी टीम ने कैसे एकजुट प्रदर्शन कर वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाई।” उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि रणवीर मेरा रोल करेंगे, लेकिन यह किसी एक व्यक्ति की नहीं पूरी टीम की फिल्म है।”