- 19 मार्च को नीरव गिरफ्तार हुआ था, निचली अदालत से 3 बार जमानत अर्जी खारिज हो चुकी
- हाईकोर्ट में अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई पूरी हुई, कोर्ट ने कहा था- फैसले के लिए वक्त चाहिए
- नीरव की वकील की दलील- क्लाइंट के भागने का रिस्क नहीं, इलेक्ट्रोनिक डिवाइस से ट्रैकिंग के लिए तैयार
- भारत की ओर से क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने कहा- जमानत मिली तो सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका
लंदन. 13700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की जमानत पर यूके हाईकोर्ट आज फैसला सुना सकता है। भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे फैसला आने की उम्मीद है। नीरव की जमानत अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई पूरी हुई थी। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट से 3 बार याचिका खारिज होने के बाद नीरव ने 31 मई को हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। वह 86 दिन से लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है। 19 मार्च को उसकी गिरफ्तारी हुई थी।
नीरव की वकील की दलील- क्लाइंट के भागने का खतरा नहीं
हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान नीरव की वकील क्लेर मोंटगोमरी ने कहा कि जमानत मिलने पर नीरव इलेक्ट्रोनिक डिवाइस से निगरानी रखे जाने के लिए तैयार है, उसका फोन भी ट्रैक किया जा सकेगा। मोंटगोमरी ने कहा कि नीरव यहां पैसा कमाने आया है। अब तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आई जिससे लगे कि वह भाग सकता है। उसके बेटे-बेटी भी यहां पढ़ाई के लिए आने वाले हैं।
हाईकोर्ट ने कहा- फैसले के लिए वक्त चाहिए
मोंटगोमरी ने यह भी कहा कि नीरव आम आदमी है। वह विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे की तरह नहीं, जो किसी दूतावास में शरण लेना चाहता हो। नीरव की वकील की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि फैसले के लिए कुछ वक्त चाहिए।
नीरव का ब्रिटेन आना संयोग नहीं था- सीपीएस
भारत की ओर से केस लड़ रही क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा- नीरव पर आपराधिक और धोखाधड़ी के आरोप हैं। यह असुरक्षित कर्ज का मामला है। जज ने भी अब तक यह समझ लिया है कि इस मामले में डमी पार्टनर्स के जरिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स जारी किए गए। हमने जज से कहा कि आपने मामला सही समझा है। हालांकि, अदालत ने कहा कि ये सिर्फ आरोप हैं। तय प्रक्रिया के तहत कार्यवाही होगी।
सीपीएस ने कहा, “हमने जज को बताया कि नीरव को प्रत्यर्पण का केस चलने के दौरान जमानत दी जाती है तो यह अलग बात है। लेकिन, अभी जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि उस पर गंभीर आरोप हैं। उसका ब्रिटेन आना कोई संयोग नहीं था। जिस तरह से उसने धोखेबाजी की, वह जानता था कि यह दिन आएगा। उसने जमानत के लिए जमानत राशि का प्रस्ताव भी रखा। अगर उसे जमानत दी जाती है तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है।