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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

एयरपोर्ट के लिए जो समय दें, उसमें ही पूरे होने चाहिए काम: हाईकोर्ट

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चंडीगढ़.चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के काम को लेकर किसी भी तरह की लेट लतीफी मंजूर नहीं की जाएगी। काम खत्म करने को लेकर कोर्ट में जो समय दें, उस पर काम खत्म होना ही चाहिए। यह मौखिक टिप्पणी करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा यदि काम में देरी होती है तो इसके लिए बहुत ही पुख्ता कारण हों। हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि एयरपोर्ट का फायदा राज्य सरकारों तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि इसका पूरे देश को फायदा मिलेगा।

एयरपोर्ट पर खर्च व काम को लेकर पंजाब व हरियाणा की सरकारों ने अपने-अपने हिस्से की हर संभव मदद देने की बात हाईकोर्ट में की। दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरल (एजी) ने कोर्ट में कहा कि एयरपोर्ट में उनकी 24.5-24.5 फीसदी हिस्सेदारी है। वे उनके हिस्से में आने वाले सभी खर्च उठाने को तैयार हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने चुटकी लेते हुए कहा कि पंजाब को आड़े हाथों लेने का फायदा यह हुआ कि हरियाणा अब चुपचाप बात मान रहा है।

काम की कीमत तय करना परेशानी का सबब: कैट-3 लगाने की कीमत पर पंजाब के एजी अतुल नंदा ने कोर्ट में कहा कि समस्या यह नहीं कि पंजाब को अपने हिस्से का कितना भुगतान करना है। समस्या काम के लिए तय कीमत को लेकर है। कैट-3 को लेकर नंदा ने कहा कि 30 करोड़ रुपए के काम के लिए 60 करोड़ रुपए देना उनकी परेशानी का सबब है। कैट-2 का काम करने वाली कंपनी को ही यह काम देने की क्या जरूरत है।

इस पर एयरपोर्ट अथाॅरिटी व केंद्र सरकार की तरफ से असिस्टेंट सोलिस्टर जनरल चेतन मित्तल ने कहा कि सुरक्षा कारणों से हर किसी को संवेदनशील जगह पर काम नहीं दिया जा सकता। इसलिए ही इस कंपनी को काम देने का फैसला लिया गया। चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने मामले को लेकर मीटिंग कर समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। साथ ही स्टेटस रिपोर्ट तलब की है।

एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल को लेकर प्रशासन द्वारा 0.6 एकड़ भूमि अतिक्रमण में हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने कहा कि क्यों न चंडीगढ़ प्रशासन ये जमीन खरीद ले। इससे काम में देरी की समस्या का समाधान हो जाएगा। प्रशासन के सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल ने इस पर समय दिए जाने की मांग की। कोर्ट ने इस पर 7 मार्च के लिए सुनवाई तय की है।

सुनवाई के दौरान कहा गया कि एयरफोर्स की पुरानी टर्मिनल बिल्डिंग एयरफोर्स को हैंडओवर करने का मामला एयरपोर्ट अथाॅरिटी के पास विचाराधीन है। हाईकोर्ट ने इस पर उम्मीद जताई कि अगली सुनवाई से पहले इस मामले पर फैसला ले लिया जाएगा।

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High Court commented on work of Chandigarh International Airport