लखनऊ/दिल्ली.लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सपा और बसपा में गठबंधन तय हो गया। इसे लेकर अखिलेश यादव और मायावती के बीच शुक्रवार को दिल्ली में बैठक हुई। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों नेता कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं। गठबंधन में छोटी पार्टियों को जगह दी जाएगी। शीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला 15 जनवरी के बाद लिया जाएगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को तीन सीटें दी जा सकती हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों दल राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। बाकी छह सीटें सहयोगी दलों को दी जाएंगी।
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अखिलेश शुक्रवार शाम को करीब 6 बजे मायावती के घर पर मिलने पहुंचे थे। दोनों के बीच करीब 2 घंटे बातचीत हुई। उधर, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने दिल्ली में कहा कि सपा और बसपा के बीच गठबंधन तो होगा। गठबंधन में कौन सी पार्टियां होंगी उन्हें कितनी सीटें मिलेंगी। यह तय दोनों नेता ही तय करेंगे।
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गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा ने सपा उम्मीदवार को वोट देने की अपील की। कैराना लोकसभा उपचुनाव में रालोद उम्मीदवार को सपा-बसपा और कांग्रेस ने समर्थन दिया। तीनों जगहों पर भाजपा को हार मिली।
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2019 के आसार
सपा-बसपा-रालोद या फिर सपा-बसपा-कांग्रेस-रालोद के बीच गठबंधन हो सकता है। अगर विपक्षी साथ आते हैं तो 2014 की स्थिति के हिसाब से भाजपा को 53 सीटों का नुकसान हो सकता है।पार्टी 2014 में सीटें 2019 में सपा-बसपा-कांग्रेस-रालोद साथ लड़े तो कांग्रेस अलग लड़ी तो भाजपा+ 73 20 25 सपा 05 60 53 कांग्रेस 02 00 बसपा 00 02 उदाहरण से समझिए कैसे पलट सकते हैं नतीजे
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उदाहरण से समझिए कैसे पलट सकते हैं नतीजे
- 2014 में वरुण गांधी 410,348 वोट पाकर सुल्तानपुर सीट से जीते। बसपा के पवन पांडे को 2,31,446 वोट जबकि सपा के शकील अहमद को 2,28,144 वोट मिले। अगर 2019 में दूसरे नंबर पर रही बसपा अपना उम्मीदवार उतारती है और सपा के वोट बसपा उम्मीदवार को ट्रांसफर हो जाते हैं तो वोटों का आंकड़ा 4,59,590 हो जाएगा। यह वरुण गांधी को मिले वोटों से ज्यादा होगा।
- सुल्तानपुर में कांग्रेस की अमिता सिंह 41,983 वोट पाकर चौथे नंबर पर रही थीं। उनके वोट जोड़ने पर विपक्ष का आंकड़ा 5 लाख से ज्यादा पहुंच जाता है।
- मिर्जापुर से जीतीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को भी 2014 में सपा-बसपा और कांग्रेस को मिले कुल वोट से कम वोट मिले थे।