वॉशिंगटन. नासा के ह्यूस्टन बेस पर एक अंतरिक्ष यात्री के फोन कॉल की वजह से हंगामा मच गया था। यह सिर्फ एक नंबर की गलत डायलिंग की वजह से हुआ था। नासा के जाॅनसन स्पेस स्टेशन में अलॉर्म बेल बजने के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर स्थित एक पूरी टीम को जांच के लिए लगा दिया गया। हाल ही में नीदरलैंड के एस्ट्रोनॉट आंद्रे कुईपर ने अपने साथ हुई इस घटना का खुलासा किया है।
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दरअसल, अंतरिक्ष से सैटेलाइट के जरिए कॉल करने के लिए कुछ स्पेशल कोड लगाना जरूरी होता है। फोन नंबर की पहली डिजिट 9 और उसके बाद कोड 011 लगाकर ही एस्ट्रोनॉट कॉल कर सकते हैं। हालांकि, गुरुत्वाकर्षण की गैरमौजूदगी में आंद्रे से डायलिंग के दौरान जीरो नहीं दबा और 9011 की जगह 911 पर कॉल लग गया।
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911 अमेरिका का इमरजेंसी नंबर है। आंद्रे की इस कॉल के बाद नासा में हड़कंप मच गया। ऐसी आशंका जताई जाने लगी कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कोई खराबी आ गई, जिसकी वजह से अंतरिक्ष यात्री ने इमरजेंसी नंबर पर फोन किया।
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इसके बाद आईएसएस पर मौजूद एक टीम को तुरंत मामले की जांच में लगा दिया गया। हालांकि, वहां कोई खराबी नहीं मिलने के बाद कुईपर को मामले की जानकारी के लिए मेल करना पड़ा। कुईपर के मुताबिक, आईएसएस से पृथ्वी पर लगाई गईं 70% कॉल ही सफल होती हैं।
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इससे पहले 2015 में ब्रिटेन के अंतरिक्ष यात्री टिम पीक ने भी आईएसएससे एक गलत फोन काॅल लगने के बारे में बताया था। उनकी कॉल एक महिला को लग गई थी, जिससे उन्होंने एक ट्वीट के जरिए माफी मांग ली थी।