बिजनेस डेस्क. साल 2018 में शेयर बाजार, रुपए और कच्चे तेल में काफी अस्थिरता रही। ये राजनीतिक मुद्दे भी बने। साल 2019 में 5 मामलों पर नजर रहेगी जो अर्थव्यवस्था और राजनीति पर असर डालेंगे। इनमें लोकसभा चुनाव के नतीजे, आरबीआई के रिजर्व फंड पर बिमल जालान कमेटी की रिपोर्ट और विजय माल्या जैसे भगोड़ों के प्रत्यर्पण के मुद्दे अहम हैं।
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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान के मुताबिक शेयर बाजार के लिए साल 2019 भी अस्थिर रहेगा लेकिन, भारतीय पूंजी बाजारों के लिए सकारात्मक बात यह है कि एक तो घरेलू निवेशकों ने सतत खरीद जारी रखी है और भारतीय अर्थव्यवस्था की वापसी का चक्र चल रहा है। इससे कॉर्पोरेट आमदनी में मदद मिलनी चाहिए। इसके अलावा आगामी वित्तीय वर्ष को आकार देने वाले कारकों में बेशक आगामी आम चुनाव तो है ही लेकिन, जीडीपी, औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े और ब्याज दरों जैसे वैश्विक मैक्रो इंडिकेटर, कच्चे तेल की कीमतें और रुपया भी प्रमुख भूमिका निभाएगा।
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इस साल आरबीआई और सरकार के बीच विवाद का यह प्रमुख मुद्दा रहा। 19 नवंबर को आरबीआई बोर्ड की बैठक में रिजर्व फंड के मुद्दे पर कमेटी बनाने का फैसला हुआ। आरबीआई को अपने रिजर्व फंड में कितना पैसा रखना चाहिए और सरकार को कितनी रकम डिविडेंड के रूप में देनी चाहिए, यह तय करने के लिए समिति बना दी गई है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान इस समिति के अध्यक्ष हैं। यह समिति अपनी पहली बैठक से 90 दिनों के भीतर रिपोर्ट देगी।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि बैड लोन के मामले में 2017-18 के दौरान 6 हजार से ज्यादा अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई। सरकार के मुताबिक पब्लिक सेक्टर बैंकों ने 2018 की पहली छमाही में रिकॉर्ड 60,713 करोड़ की रिकवरी की। यह राशि पिछले साल इसी अवधि में की गई रिकवरी की रकम से दोगुनी है।
55,000 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी एयर इंडिया को उबारने के लिए सरकार ने रिवाइवल प्लान तैयार किया है। यह प्लान इसे प्रतिस्पर्धी और मुनाफे वाली एयरलाइन में तब्दील करने पर केंद्रित है। इसके तहत एयरलाइन को वित्तीय पैकेज दिया जाएगा। कोर बिजनेस बढ़ाने के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनाई जाएंगी। नागरिक विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में यह जानकारी दी।
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मोदी सरकार चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश करेगी। सरकार गांवों और कृषि क्षेत्र पर फोकस कर सकती है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार के बाद सरकार बजट से पहले किसानों के लिए बड़े पैकेज का ऐलान भी कर सकती है।
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यूके की अदालत ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। अब वहां की सरकार प्रत्यर्पण पर फैसला लेगी। इसके बाद भी माल्या के पास हाईकोर्ट में अपील का विकल्प रहेगा। इन सबके बावजूद 2019 में माल्या का प्रत्यर्पण हो पाता है तो सरकार के लिए बड़ी कामयाबी होगी। माल्या पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था।
13,500 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की कोशिश भी की जा रही है। वह भी यूके में रह रहा है। सरकार ने इस साल अगस्त में वहां की सरकार से प्रत्यर्पण की अपील की थी। जिस पर विचार किया जा रहा है।