नई दिल्ली. मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की शपथ के चार दिन बाद भी मंत्रिमंडल को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। तीनोंराज्यों मेंशपथ ग्रहण 17 दिसंबर को हुआ था। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ, अशोक गहलोत और भूपेश बघेल मंत्रियोंके संभावित नामों की सूची लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं। पहले आजइनकी केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बैठक होगी।इसमें मंत्रियोंके नामों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्षराहुल गांधी आज फैसला ले सकते हैं। ऐसा हुआ तो सोमवार तक मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है।
मध्यप्रदेश:नए चेहरों को नहींमिलेगा मौका
- कमलनाथ ने गुरुवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करविधानसभा सत्र को लेकर चर्चा की। कमलनाथ ने बताया कि 15वीं विधानसभा का पहला सत्रमें 7 जनवरी से शुरू होगा। उधर, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राज्यपाल25 दिसंबर की शाम से 30 दिसंबर तक बाहर जा रही हैं। ऐसे में इससे पहले ही मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई जा सकती है।
- राज्य में पहली बार में20मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए वरिष्ठता के साथ ही जातिगत समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के करीबी विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। कमलनाथ ने कहा है कि नए चेहरों को जगह नहीं दी जाएगी।
राजस्थान:गहलोत सरकार में हो सकते है 15 मंत्री
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भीगुरुवार को दिल्ली पहुंच गए। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पहले से ही वहां मौजूद हैं। शुक्रवार को राहुल, गहलोत और पायलट मंत्रियों के नामों पर मंथन करेंगे।
- राजस्थान में फिलहाल 15विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।प्रदेश के कई विधायकमंत्री बनने के लिए दिल्ली में डेरा डाल हुए हैं।
- शपथ ग्रहण को लेकर पहले 24 दिसंबर के दिन के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस में सीएम और डिप्टी सीएम के दो धड़े नजर आ रहे हैं लगता नहीं कि 24 को शपथ ग्रहण समारोह हो पाएगा। पिछली कांग्रेस सरकार में भी मंत्रिमंडल गठन में 11 दिन का समय लगा था। हालांकि, 2013 में वसुंधरा सरकार में भी चुनाव परिणाम आने के 12 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन हुआ था।
छत्तीसगढ़:13 विधायकों को मिल सकता है मौका
- छत्तीसगढ़ केमुख्यमंत्री भूपेश बघेल भीदिल्लीमें हैं।रायपुर एयरपोर्ट पर बघेल ने कहा अभी कोई सूची लेकर नहीं जा रहा हूं। हाईकमान से चर्चा करने के बाद नाम तय होंगे। बघेल ने कहा कि सारे विधायक अनुभवी है। 68 विधायकों में से सिर्फ 13 को ही मंत्री बनाने की बाध्यता है, जिसमें अभी 10 विधायकों को मंत्री बना सकते हैं।
- वरिष्ठ विधायकों में सत्यनारायण शर्मा, रवींद्र चौबे और मोहम्मद अकबर का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है।लोकसभा चुनावों को देखते हुए एससी, एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के विधायकों को मंत्रिमंडल में बराबर का मौका दिया जाएगा। एक महिला विधायक को भी मंत्री बना जा सकता है।
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