Mirror 365 - NEWS THAT MATTERS

Dear Friends, Mirror365 launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards www.mirror365.com

Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

सॉफ्टेवयर में काम कैसे होगा आर्किटेक्ट नहीं जानते, प्रदेश में 2 हजार नक्शे अटके

0
210

अजय भाटिया (रेवाड़ी).प्रदेश में ऑनलाइन नक्शा पास करने की प्रक्रिया 21 नवंबर से शुरू हो चुकी है, लेकिन इस साॅफ्टवेयर में अफसर से लेकर आर्किटेक्ट तक काम करना नहीं जानते, इसकी वजह से प्रदेशभर में 2 हजार से ज्यादा नक्शे अटके हुए हैं। अधिकारियों को बिना ट्रेनिंग दिए ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया, जिसके चलते लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

उल्लेखनीय है कि इसे हरियाणा ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम (एचओबीपीएएस) नाम दिया गया है। सितंबर 2017 में सरकार ने नक्शा पास कराने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की थी। उसमें नक्शा पास कराने के लिए अप्लाई तो ऑनलाइन करना पड़ता था, लेकिन इसके बाद ड्राइंग का प्रिंट आउट और अन्य कागजातों की फाइल तैयार कर नगर निकायों के दफ्तर लेकर जाना पड़ता था। ज्यादातर काम मैनुअली होते थे। अब 21 नवंबर से प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी है। पेपर लेस सिस्टम लागू कर दिया है। एचएसआईआईडीसी उद्योगों के लिए यह सिस्टम पहले ही लागू कर चुका है।

बगैर नक्शा पास नहीं मिलता लोन
मकान बनाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हों तो व्यक्ति इसके लिए जमीन पर लोन लेने का विकल्प देखता है। जमीन पर लोन तभी मिलता है, जब नक्शा पास हो। बैंक भी ऋण देने से पहले नक्शा जमा कराता है। लोन उसी जमीन पर मिल सकता है, जो रजिस्टर्ड एरिया में हो। अवैध कॉलोनी में जमीन पर लोन पास नहीं किया जाता।

दोबारा चल रही ट्रेनिंग

अधिकारी बताते हैं कि पंचकूला-गुड़गांव आदि जगह ट्रेनिंग हो चुकी है, जिसमें सभी जिलों आर्किटेक्ट को बुलाया गया था। लेकिन सभी आर्किटेक्ट नहीं पहुंच पाए या अन्य कारण से काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। इसलिए अभी भी ट्रेनिंग दी जा रही है। इस सप्ताह में हिसार, रोहतक और गुड़गांव में ट्रेनिंग होगी।

जानिए… दोनों कैटेगरी की प्रक्रिया

लोअर रिस्क -: आम नक्शे :आम घरों के नक्शे लोअर रिस्क कैटेगरी में आते हैं, क्योंकि सामान्य घर बड़े भवनों से कम जोखिम वाले होते हैं। इसमें आर्किटेक्ट के पास अपने कागजात तैयार करने में समय लगेगा, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया में समय बेकार नहीं होगा। ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक ही डॉक्यूमेंट्स चेक करेगा। कुछ ही घंटों में अप्रूवल मिल जाएगी।

हायर रिस्क -: ग्रुप हाउसिंग :हायर रिस्क कैटेगरी में वे बिल्डिंग आती हैं, जिनमें अधिक जोखिम रहता है। ग्रुप हाउसिंग सोसायटी और अन्य बड़े भवन इस श्रेणी में आते हैं। कागजात तैयार करने के बाद आर्किटेक्ट के माध्यम से ऑनलाइन अप्लाई करने में तो महज कुछ ही घंटे का समय लगेगा, मगर इस श्रेणी में अधिकारियों को साइट पर जाकर निरीक्षण करना होगा। इसके अलावा कागजातों की वेरिफिकेशन की जाएगी। यानी की पूरी प्रक्रिया में करीब 7 दिन का समय लगेगा।

3 बदलाव से बचा समय… पहले कई महीने, फिर 20 दिन, अब कुछ घंटे

  • 15 महीने पहले तक नक्शा पास कराने के लिए फाइल नगर निकायों में जमा करानी पड़ती थी। जब नगर निकाय हाउस की बैठक होती थी तो उसमें इन नक्शों को रखा जाता था। पार्षदों की सर्वसम्मति से नक्शे पास किए जाते थे। यदि किसी को आपत्ति होती थी तो नक्शा पास नहीं होता था। ऐसे में यदि 3 महीने हाउस की बैठक नहीं हुई तो नक्शे पेंडिंग ही चलते थे।
  • सितंबर 2017 में ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें आर्किटेक्ट के माध्यम से ऑनलाइन अप्लाई किया जाता था फिर मैनुअली फाइल जमा होती थी। इसमें पहले 30 दिन और बाद में 20 दिन का समय निर्धारित कर दिया गया था।
  • 21 नवंबर से ऑनलाइन प्रक्रिया लागू हो चुकी है। यह बेहद खास साबित हो सकती है। पूरा काम ऑनलाइन होगा। दावा किया जा रहा है कि ऑनलाइन अप्लाई होते ही सॉफ्टवेयर से डॉक्यूमेंट्स की चेकिंग होगी और कुछ घंटे में नक्शे पर अप्रूवल मिल जाएगी। व्यक्ति निर्माण शुरू कर सकता है।

अप्लाई करते समय आर्किटेक्ट द्वारा प्लॉट की वर्तमान स्थिति की डिटेल भरी जाएंगी
अधिकारियों के अनुसार नक्शा पास कराने के लिए आर्किटेक्ट के पास कागजात तैयार कराने होंगे। ऑनलाइन आवेदन और प्लॉट साइज के हिसाब से ऑनलाइन ही फीस जनरेट होगी। इसके लिए आपके मोबाइल पर एसएमएस आएगा। 2-3 घंटे के अंदर अप्रूवल मिल जाएगी। अधिकारी मौके पर साइट का निरीक्षण करने नहीं जाएंगे। ऑनलाइन अप्लाई करते समय आर्किटेक्ट द्वारा प्लॉट की वर्तमान स्थिति की डिटेल भरी जाएंगी। उसे सही मानकर अप्रूवल दे दी जाएगी। बाद में अधिकारी वेरिफाई भी करेंगे। यदि जानकारी गलत मिली तो आर्किटेक्ट को ब्लैक लिस्ट करने सहित नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारी बगैर निरीक्षण आर्किटेक्ट के भरोसे करेंगे नक्शा पास, गलत जानकारी पर होंगे ब्लैक लिस्ट

सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया है, जिसके बारे में आर्किटेक्ट व स्टाफ को नॉलेज कम होने के चलते शुरुआती परेशानी है। आर्किटेक्ट और इंजीनियरों को पंचकूला में ट्रेनिंग दी जा चुकी है। गुड़गांव में ट्रेनिंग चल रही है। टेक्निकल स्टाफ को भी ट्रेंड किया जा रहा है। 2-4 दिन में सॉफ्टवेयर पर काम होना शुरू हो जाएगा। – अभिनव गुप्ता, प्रोजेक्ट मैनेजर, एचओबीपीएएस।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

Architect does not know how to work in software