नई दिल्ली. अमेरिकन बास्केटबॉल लीग एनबीए बुधवार से शुरू हो गई। इसमें 30 टीमें हिस्सा ले रही हैं। अगले साल आठ जून को इसका चैम्पियन मिलेगा। एनबीए दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करने वाली लीग है। इसका सालाना रेवेन्यू 50 हजार 500 करोड़ रुपए है। लीग के 73वें सीजन का पहला मुकाबला सबसे ज्यादा 17 बार की चैम्पियन बोस्टन सेल्टिक्स और फिलाडेल्फिया सेवंटी सिक्सर्स के बीच खेला जाएगा।
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— NBA (@NBA) October 17, 2018
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डिफेंडिंग चैम्पियन गोल्डन स्टेट वारियर्स पहले मैच में ओकलाहोमा सिटी थंडर से भिड़ेगी। इसका लाइव टेलीकास्ट भारत में नहीं होगा। फैंस एनबीए ऐप पर इसके मुकाबले देख सकेंगे। एनबीए लीग 1946 में शुरू हुई थी। पहले सीजन में 11 टीमों ने हिस्सा लिया था। अब 30 टीमें उतरती हैं। इसमें से 29 अमेरिका और एक कनाडा की टीम है।
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पिछले साल 2017-18 सीजन में 12 टीमों ने लीग राउंड के 82 में से 50 से अधिक मैचों में जीत दर्ज की। वेस्टर्न कॉन्फ्रेंस की टीम ह्यूस्टन रॉकेट्स ने सबसे ज्यादा 65 लीग मुकाबले जीते। ओवरऑल हर गेम में सबसे ज्यादा 113.5 पॉइंट गोल्डन स्टेट वारियर्स की टीम ने बनाए।
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लीग में हिस्सा ले रही 30 टीमों को दो कॉन्फ्रेंस में बांटते हैं। ये हैं ईस्टर्न कॉन्फ्रेंस और वेस्टर्न कॉन्फ्रेंस। प्रत्येक कॉन्फ्रेंस में तीन डिविजन में पांच-पांच टीमें होती हैं। इन 15 टीमों में से दोनों कॉन्फ्रेंस की 8-8 टीमें प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई करती हैं। प्लेऑफ के पहले राउंड की विजेता 8 टीमें कॉन्फ्रेंस सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करती हैं।
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एनबीए का पहला खिताब 1947 में फिलाडेल्फिया वारियर्स ने जीता था। इसके बाद टीम 1956 में भी चैम्पियन बनी थी। इस बार का चैंपियन अगले साल जून में मिलेगा।
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यह सभी 30 टीमों में बांटी जाती है। चैम्पियन टीम टीम को 24 करोड़ रुपए मिलेंगे। पिछले सीजन में 4.45 करोड़ लोगों ने गोल्डन स्टेट वारियर्स और क्लीवलैंड कैवेलियर्स के बीच खेले गए फाइनल को देखा था। एनबीए दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा देखी जाने वाली लीग है।
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दिल्ली के नव भाटिया ने पहली बार 1995 में टोरंटो रैप्टर्स का मुकाबला स्टेडियम में देखा। वे 1998 तक टीम के हर मुकाबले में पहुंचे। इस दौरान टीम ईस्टर्न कॉन्फ्रेंस में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली टीमों में शामिल थी। टीम ने उन्हें अपना टाइटल ऑफ सुपरफैन चुना। इसके बाद वे टीम से जुड़े गए। वे हर साल साउथ एशिया से 3 हजार बच्चों को अपने खर्च पर मैच दिखाते हैं।
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1970 में अमेरिका में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। वहां नौकरी करने के बाद वे अपना फैमिली बिजनेस संभालने दिल्ली लौट आए। 1984 दंगों के बाद वे कनाडा चले गए। वे टोरंटो में एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिले। ओबामा भी एनबीए के फैन हैं।