रायपुर. छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (छजकां) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच पिछले दिनों हुए गठबंधन ने सबको चौंका दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि जोगी-माया का दांव सफल रहा और दोनों पार्टियां पांच से सात सीटें लाने में कामयाब रहीं तो भाजपा और कांग्रेस के लिए मुश्किल हो जाएगी। राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी ऐसा ही मानते हैं। उनका कहना है, “राज्य में एससी के प्रभाव वाली 26 सीटें हैं। इन पर इस गठबंधन का असर नजर आएगा। भाजपा और कांग्रेस, दोनों को मुश्किल होगी।” इस बार दोनों के साथ आने से कैसे बदल सकते हैं चुनावी समीकरण? क्या जोगी और माया किंग मेकर साबित हो सकते हैं? भास्कर प्लस एप ने इसकी पड़ताल की…
पिछलें तीन चुनावों में भाजपा की 4 से 5 सीटें कम होतीं तो नहीं बना पाती सरकार
छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं।पिछले तीन विधानसभा चुनावों मेंभाजपा बहुमत के जादुई आंकड़े (46) से 3-4 सीटें ज्यादा लाकर सरकार बनाने में कामयाब रही है। तीनों चुनावों में भाजपा को 50 से ज्यादा सीटें नहीं मिलीं।इस बार अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस 55 पर और बसपा 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इससे मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। 72 साल के अजीत जोगी नवंबर 2000 से दिसंबर 2003 के बीच तीन साल 27 दिन तक कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे। 2016 में कांग्रेस छोड़ छजकां बनाई।
पिछले तीन चुनावों की स्थिति:
कुल सीटें: 90 , बहुमत: 46 पर
साल | भाजपा | कांग्रेस |
भाजपा कोजादुई आंकड़ेसे कितनी ज्यादा सीटें मिलीं |
2013 | 49 | 39 | 3 |
2008 | 50 | 38 | 4 |
2003 | 50 | 37 | 4 |
बसपा का राज्य में वोट शेयर 4% से 6% रहा, लेकिन 11 सीटों पर शेयर 10% से 33% तक
पिछले तीन चुनावों में बसपादो से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब नहीं हुई। उसका वोट शेयर 4 से 6 फीसदी के बीच रहा। बसपा ने 2003 में 2 सीटें जीती थीं। तब वोट शेयर 4.45% रहा था। वहीं, 2008 में वोट शेयर 1.6% बढ़कर 6.11% हो गया। तब उसके खाते में दो सीटें आईं। हालांकि, 2013 में इतना ही घटकर 4.4% पर आ गया था। तब बसपा को एक सीट से संतोष करना पड़ा।
सीटें | बसपा का वोट शेयर | ||
2013 | 2008 | 2003 | |
पामगढ़ | 29.32% | 39.28% | 26.4% |
जैजैपुर* | 32.75% | 29.06% | – |
जांजगीर-चांपा* | 20.59% | 16.63% | 12.28% |
बिलाईगढ़* | 20.23% | 24.06% | – |
सक्ती | 10.39% | 14.34 % | 8.06% |
बलोदा बाजार | 10.58% | 11.91% | 17.54% |
सारंगढ़ | 12.21% | 18.12 % | 33.12% |
अकलतरा | 11.20 % | 33.11% | 18.66% |
तखतपुर | 20.43% | 16.60% | 5.62% |
चंद्रपुर | 29.69% | 20.35% | 18.21% |
कसडोल | 15.22% | 11.72% | 14.9% |
* येसीटें 2008 में परिसीमन के बाद बनीं। वहीं, जांजगीर-चांपा पहले चांपा सीट थी।
पिछले तीन चुनावों में बसपा ने इन सीटों पर भाजपा-कांग्रेस को टक्कर दी
1) 2013 में चार सीटों पर, एक सीट जीती
सीटें | दल और उनकी जीत का अंतर | ||
चंद्रपुर | भाजपा: 51295 वोट | बसपा: 45078 वोट | कांग्रेस: 42593 वोट |
जैजेपुर | बसपा: 47188 वोट | भाजपा: 44609 वोट | कांग्रेस: 38070 वोट |
पामगढ़ | भाजपा: 45342 वोट | बसपा: 37217 वोट | कांग्रेस: 35457 वोट |
बिलाईगढ़ | भाजपा: 71364 वोट | कांग्रेस: 58669 वोट | बसपा: 36765 वोट |
2) 2008 में चार सीटों पर, दो सीटें जीतीं
सीटें | दल और उनकी जीत का अंतर | ||
अकलतरा | बसपा: 37393 वोट | कांग्रेस: 34505 वोट | भाजपा: 33752 वोट |
जैजेपुर | कांग्रेस: 43346 वोट | बसपा: 33907 वोट | भाजपा: 29878 वोट |
पामगढ़ | बसपा: 39534 वोट | भाजपा: 33579 वोट | कांग्रेस: 21196 वोट |
बिलाईगढ़ | कांग्रेस: 55863 वोट | भाजपा: 42241 वोट | बसपा: 35398 वोट |
3) 2003 में चार सीटों पर, दो सीटें जीतीं
सीटें | दल और उनकी जीत का अंतर | ||
सारंगढ़ | बसपा: 32577 वोट | भाजपा: 24419 वोट | कांग्रेस: 24160 वोट |
पामगढ़ | कांग्रेस: 42780 वोट | बसपा: 36046 वोट | भाजपा: 35584 वोट |
मालखरौदा | बसपा: 34360 वोट | भाजपा: 33464 वोट | कांग्रेस: 30757 वोट |
भटगांव | कांग्रेस: 34741 वोट | भाजपा: 26519 वोट | बसपा: 24076 वोट |
पांच सीटें, जिन पर माया-जोगी गठबंधन की पुख्ता दावेदारी
1) मरवाही: मरवाही जोगी परिवार की पारंपरिक और सुरक्षित सीट है। अजीत जोगी इस बार चांस नहीं लेना चाहते हैं। ऐसे में राजनांदगांव के साथ ही वे मरवाही से भी चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। ताकि पार्टी के हाथ में कम से कम एक सीट रहे। 2013 में इस सीट से उनके बेटे अमित जोगी चुने गए थे।
2) कोंटा: 1952 से लेकर अब कोंटाविधानसभा सीट पर 14 बार चुनाव हुए हैं। पिछले तीन चुनाव से अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीतती आ रही हैं। इस बार अभी तय नहीं है कि रेणु कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगी या फिर अमित जोगी को यह सीट दे सकती हैं।
3) तखतपुर: जोगी ने एक साल पहले ही इस सीट के लिए अपने प्रत्याशी संतोष कौशिक के नाम का ऐलान कर दिया था। 2013 में यह सीट भाजपा ने कांग्रेस से सिर्फ 608 वोट से जीती थी। बसपा से खड़े हुए संतोष तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार जोगी के साथ से हालात बदल सकते हैं। यहां एससी 30%, ओबीसी 48% और अन्य 22% हैं।
4) जैजेपुर: इस सीट से बसपा के केशव चंद्रा विधायक हैं। पिछले तीन चुनावों में वोट शेयर 29 से 32% तक रहा है। जोगी के आने से इस सीट पर पकड़ और मजबूत होगी।
5) पामगढ़: 2008 में यह सीट बसपा के पास थी। 2013 में बसपा के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे। पिछले तीन चुनावों में यहां बसपा का वोट शेयर 26 से 39% तक रहा है।
इन 2 फैक्टर से भी जोगी-माया की उम्मीदें बढ़ीं
1) सतनामी समुदाय: राज्य में 10 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं। 2013में इनमें से 9 सीटें भाजपा को और एक सीट कांग्रेस को मिली थी। इस बार अजीत और माया के साथ आने से गठबंधन को फायदा हो सकता है। इन सभी सीटों पर सतनामी समुदाय का दबदबा है। जोगी की इस समुदाय में अच्छी पकड़ है। वहीं, छत्तीसगढ़ में 12% आबादी एससी है, जिनमें 75% आबादी सतनामी समुदाय से है। बसपा का जब 1990 में जनाधार बढ़ रहा था तब कांशीराम ने अपना पहला लोकसभा चुनाव पंजाब के गुरुदासपुर के साथ बिलासपुर-जांजगीर से भी लड़ा था।
एससी सीटें: मुंगेली, मस्तूरी, नवागढ़, अहिवारा, डोंगरगढ़, बिलाईगढ़, आरंग, सारंगढ़, सराईपाली और पामगढ़।
2) एसटी समुदाय: राज्य की 32 फीसदी आबादी एसटी से है। एसटी के लिए रिजर्व 29 सीटों पर 2003 के चुनाव में भाजपा आगे थी। अब कांग्रेस यहां मजबूत है, लेकिन बिना रिजर्वेशन वाली आदिवासी बहुल 14 सीटों पर मुकाबला बराबरी का है।
बसपा कर्नाटक की तर्ज पर चुनाव लड़ेगी: बसपा छत्तीसगढ़ में कर्नाटक की तर्ज पर चुनाव लड़ना चाहती है। कर्नाटक में मायावती नेजेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। छत्तीसगढ़ में छजकां के साथ यही रणनीति अपनाने की योजना है।बसपा ने कर्नाटक में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को नुकसान पहुंचाया था।
कर्नाटक मेंजिन 18 सीटों पर बसपा ने चुनाव लड़ा, उसमें वो एक पर पहले, नौ पर तीसरे, सात पर चौथे और एक सीट पर छठवें स्थान पर रही थी। जिस सीट पर बसपा को जीत मिली, वहां कांग्रेस दूसरे और बीजेपी तीसरे नंबर पर रही। तीसरे स्थान की 9 सीटों में से उसने 3 पर कांग्रेस और 6 पर बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेरा। इसी तरह चौथे नंबर की 7 सीटों में से 6 पर कांग्रेस और एक में बीजेपी के समीकरण बिगाड़े। छठे स्थान वाली एक मात्र सीट पर उसने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया। पार्टी का वोट शेयर 3.72 प्रतिशत रहा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today