( कुलदीप वर्मा ) समालखा
नगर पालिका के करीब 90 सफाईकर्मी कस्बे में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त रखने में नाकाम हैं। चौक चौराहों पर लगे गंदगी के ढेर व कूड़ा कर्कट से अटे नाले नालियां न केवल कस्बे की स्वच्छता को ग्रहण लगा रहे हैं, बल्कि नपा के सफाई संबंधी दावों की पोल खोल रहे हैं। हालांकि पखवाड़ा शुरू करने से पहले प्रशासन की तरफ से स्वच्छता को लेकर लंबे चौड़े दावे किए गए थे।
विधायक रवींद्र मच्छरौली से लेकर एसडीएम व नपा अधिकारियों ने नपा के सफाई कर्मियों के साथ झाडू उठाकर कस्बे को गंदगी मुक्त बनाने का दावा किया था। पंद्रह दिन तक स्वच्छता पखवाड़ा चलने के बावजूद भी कस्बा में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। अनेक चौक व चौराहों पर सप्ताह भर से कूड़े कर्कट व गंदगी के ढेर लगे है। कस्बा में वैसे तो अनेक जगह पर गंदगी पड़ी है। लेकिन पुरानी एक्सचेंज वाली गली, भापरा रोड पर प्राथमिक पाठशाला व सीएचसी के
नजदीक, पड़ाव मुहल्ला, माता पुली रोड, नपा कार्यालय के नजदीक, पुराना बस अड्डा के अलावा सर्विस लाइन पर पुराना थाना रोड के सामने व अन्य जगहों पर भी गंदगी बिखरी हुई है। साठ हजार की आबादी वाले कस्बा के 17 वार्ड में दो दर्जन के करीब कालोनी हैं, जिनकी सफाई का जिम्मा नपा के 90 कर्मचारियों पर है। इनमें से कुछ कर्मचारियों को सरकारी कार्यालय में लगाया गया है तो कुछ ट्रैक्टर ट्राली पर कूड़ा डालने में लगे हैं। कुल मिलाकर 70 के करीब कर्मचारी ही कस्बे में झाडू लगा गलियों की सफाई व नाले नालियां निकालने के लिए बचते हैं। दावे करने वाले नपा अधिकारी भी इसके प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं।
गोपाल, अरविंद, रमेश कुमार, सुरेंद्र, चंद्र, विनोद का कहना है कि कस्बे में सफाई की हालत सुधर नहीं पा रही है। जहां पर नपा के सफाई कर्मी इधर उधर से लाकर गंदगी डालते है, वहां से कई कई दिनों तक उठाई नहीं जाती है। इस कारण उससे आने वाली बदबू व पैदा होने पर मक्खी मच्छरों के चलते जीना मुहाल हो जाता है और बीमारी फैलने का डर बना रहता है। नपा सचिव राकेश कादियान का कहना है कि पिछले कई दिनों से छुंट्टी थी। इसके चलते कस्बे की सफाई नहीं हो पाई। इसी कारण जगह-जगह कूड़ा पड़ा है। विशेष स्तर पर मंगलवार से सफाई अभियान चलाकर कूड़े को कस्बा से बाहर पहुंचाया जाएगा।