तरनतारन। दो गुटों के विवाद में हुई फायरिंग में एक किसान की मौत के मामले में अदालत ने 17 लाेगों को दोषी करार दिया है। 6 जून 2006 को भूमि विवाद में हुई गोलीबारी में सात लोग घायल हो गए थे। एडिशनल सेशन जज सुमित मल्होत्रा की अदालत ने दोषी लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी करार दिए गए लोगों में नगर पंचायत खेमकरण का पूर्व अध्यक्ष, पंजाब पुलिस का पूर्व थानेदार व दो मौजूदा हेड कांस्टेबल भी शामिल हैं।
भूमि विवाद में एक किसान की हत्या और सात लोगों को जख्मी किया था
खेमकरन निवासी हरपाल सिंह ने सुजान सिंह से दो किला जमीन खरीदी थी। उक्त जमीन पर किसान गुरबचन सिंह खेती करता आ रहा था। हरपाल सिंह अपनी खरीदी हुई जमीन पर गया तो वहां पर पनीरी लेने के लिए गांव रसूलपुर निवासी किसान हरभजन सिंह पहुंचा। इस दौरान हरपाल सिंह के गुट पर दूसरे गुट ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। मौके पर हरपाल सिंह के गुट ने भी गोलियां चलाईं।
इस फायरिंग में पनीरी लेने आया किसान हरभजन सिंह निवासी रसूलपुर मारा गया। खेमकरण के पूर्व पार्षद बाज सिंह, उसके पिता महिंदर सिंह व भाई दर्शन सिंह के अलावा गुरदेव सिंह, साहिब सिंह, अमरीक सिंह, बोहड़ सिंह घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। दूसरे गुट के घायल लोगों की तरफ से पुलिस ने हरपाल सिंह व अन्य लोगों के खिलाफ क्रास पर्चा दर्ज कर लिया।
बाद में तरनतारन के एसएसपी प्रवीन कुमार सिन्हा ने किसान हरभजन सिंह की हत्या के मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि गोली सुरक्षा लिए चलाई थी न कि हत्या की मंशा थी। इसके बाद पूर्व पार्षद बाज सिंह ने पट्टी अदालत में 17 लोगों के खिलाफ हत्या का केस फाइल कर दिया। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने अपनी रिपोर्ट दे दी। इसके बाद पुलिस ने मामले को धारा 304 में बदलते हुए अदालत में चालान पेश कर दिया। पूर्व पार्षद बाज सिंह द्वारा फाइल किए मामले की सुनवाई तरनतारन के एडिशनल सेशन जज सुमित मलहोत्रा की अदालत में शुरू हई।
दूसरे पक्ष के मामले को किया खारिज कर सुनाया फैसला
एडवोकेट नवजोत कौर चब्बा ने बताया कि अदालत ने दूसरे गुट की ओर से इरादा हत्या का जो मामला दर्ज करवाया था, उसे कोर्ट ने सुनवाई दौरान खारिज कर दिया। किसान हरभजन सिंह की हत्या व सात अन्य को घायल करने के मामले में सुनवाई करते अदालत ने यह फैसला सुनाया।
इन लोगों को हुई है सजा : अदालत ने इस मामले में नगर पंचायत खेमकरन के पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेसी नेता राज सिंह पत्तू, पंजाब पुलिस के पूर्व थानेदार स्र्वण सिंह, दो कांस्टेबलों रविंदर सिंह, रजिंदर सिंह भप्प, पूर्व पार्षद ओंकार सिंह के अलावा रणजीत सिंह, दिलबाग सिंह, हरपाल सिंह, रूपा मनावा, दलेर सिंह, परमजीत सिंह, गुरसेवक सिंह, सर्वण सिंह, सरदूल सिंह, हरजिंदर सिंह, जैमल सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई।