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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

25 दिसंबर को ही मनाया जाएगा श्री गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व

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अमृतसर। सिख कौम में श्री गुरुगोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व को लेकर चल रही असमंजस सोमवार को खत्म हो गई। पांच सिंह साहिबान ने बैठक में एलान किया गया है कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व दुनियाभर के सिख 25 दिसंबर को ही मनाएं। पांच सिंह साहिबान ने इस मामले को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर के उस प्रस्ताव को रद कर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व 5 जनवरी 2018 को मनाने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब से आदेश जारी किया जाए।
श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में हुई पांच सिंह साहिबान की बैठक में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह, तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह और श्री हरिमंदिर साहिब के एडिशनल ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह शामिल हुए। बैठक में विभिन्न पंथक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
बैठक के बाद जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने बताया कि पांच सिंह साहिबान ने फैसला लिया है कि श्री गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व 7 पौष को ही दुनिया भर में मनाया जाए। देसी महीने की यह तिथि 25 दिसंबर को पड़ेगी, इसलिए प्रकाश पर्व इसी तिथि पर ही मनाया जाए। उन्होंंने कहा कि संगत की ओर से श्री गुरु गोङ्क्षबद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व का शुक्राना दिवस और 351वां प्रकाश पर्व बड़े स्तर पर तख्त श्री पटना साहिब में पौष की 7 तिथि को ही मनाया जा रहा है।
एसजीपीसी भी यह प्रकाश पर्व तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में मनाने के लिए पटना साहिब प्रबंधकीय बोर्ड को पूरा सहयोग दे। साथ ही एसजीपीसी गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में साहिबजादों के शहीदी पर्व को बड़े स्तर पर मनाने के लिए आवश्यक प्रबंध करे।
एसजीपीसी बनाए सिख इतिहासकारों की कमेटी 
बैठक में सिंह साहिबान ने आदेश दिया कि एसजीपीसी सिख इतिहासकारों की एक कमेटी गठित करे। कमेटी सिख कौम के संबंध में प्रकाशित होने पुस्तकों की जांच करे और कसौटी पर खरी उतरने के बाद ही प्रकाशित करने की इजाजत दे। रागी , ढाडी, प्रचारक व कथा वाचक भी धार्मिक मंचों पर ऐसी कोई बात व व्याख्या न करें जो सिख पंथ में किसी तरह की कोई दुविधा पैदा करती हो।