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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

भागवत का बयान सुप्रीम कोर्ट को चुनौती: मुस्लिम संगठन

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अयोध्या में विवादित स्थल पर ही राम मंदिर बनाने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के ताजा बयान पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट को चुनौती करार दिया है.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ‘भाषा’ से कहा, ‘बोर्ड अदालत पर यकीन रखता है और उसके फैसले के मुताबिक अमल की कोशिश करेगा. भागवत ने वह बयान देकर कानून को अपने हाथ में लिया है.’

अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्ष की रहनुमाई कर रहे बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड का मानना है कि सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिये जो खुलेआम अदालत की तौहीन करके कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं. भागवत का एकतरफा तौर पर यह कहना कि विवादित स्थल पर ही मंदिर बनेगा, यह हमें कुबूल नहीं होगा. यह अदालत के प्रति अविश्वास का इजहार है.

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने भी भागवत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा ‘भागवत ने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी है, कि वह चाहे जो फैसला दे, मगर मंदिर वहीं बनेगा.’
उन्होंने कहा कि संविधान में सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च अदालत है और उसका आदेश पूरे देश में लागू करना ही होता है. उसने विवादित स्थल पर फिलहाल यथास्थिति बनाये रखने को कहा है, वह स्थिति कब तक बनी रहेगी यह पता पता नहीं. भागवत ने वह बयान देकर सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी है. यह लोकतंत्र के लिये खतरा है.

जीलानी ने कहा कि उन्हें लगता है कि भागवत ने गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिये ऐसा बयान दिया है.

ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि संघ प्रमुख सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर नहीं हैं. अयोध्या मामले में न्यायालय जो निर्णय देगा, उसे भागवत को भी मानना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि अयोध्या का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, मगर इसके बावजूद भागवत ने ऐसा बयान दिया है. यह गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिये अपनाया गया हथकंडा मात्र है.

मालूम हो कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आज कर्नाटक के उडुपी में आयोजित ‘धर्म संसद’ में कहा कि विवादित स्थल पर केवल मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं. राम मंदिर वहीं बनेगा और इस बारे में किसी को कोई शक नहीं होना चाहिये.

उन्होंने कहा कि अयोध्या में वैसा ही भव्य मंदिर बनेगा, जैसा कि पूर्व में कभी बना था. यह पिछले 25 वर्षों के दौरान मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों के मार्गदर्शन में बनेगा.

भागवत का यह बयान अयोध्या विवाद के बातचीत के जरिये हल निकालने की श्री श्री रविशंकर और उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड की कोशिशों के बाद आया है.