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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

कैप्टन बोले, कभी नहीं दी मजीठिया को क्लीन चिट, केंद्रीय एजेंसियां कर रही जांच

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चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि बिक्रम सिंह मजीठिया को उन्होंने कभी भी क्लीन चिट नहीं दी। विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कैप्टन ने कहा,’केंद्रीय एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं और पंजाब पुलिस उनका सहयोग कर रही है।’ साथ ही सदन में अंदर आप और अकाली दल द्वारा किए गए हंगामे की कैप्टन ने निंदा की।

शिरोमणि अकाली दल द्वारा सुखपाल सिंह खैहरा को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाने और आप विधायकों द्वारा मजीठिया को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों का मामला बहुत गंभीर है, लेकिन विरोधी पक्ष ऐसे ढकोसले के साथ इस संजीदा मसले का मजाक उड़ा रहा है। कैप्टन ने कहा कि किसी को भी क्लीन दिए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता, लेकिन दोनों मामलों में कानून अपना रास्ता स्वयं अपनाएगा और इसमें सरकार की कोई हस्तक्षेप नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार है जब दो विरोधी पार्टियां सदन में राज्य के लोगों के हित में साकारात्मक मुद्दों को उठाने के बजाय आपस में लड़ झगड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी द्वारा सत्र का समय बढ़ाने की मांग की जा रही है, जबकि दूसरी तरफ़ उसके द्वारा सदन का कीमती समय खराब किया जा रहा है।
वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विरोधी पक्ष द्वारा प्रश्न काल में विघ्न डालकर और सदन की कार्यवाही में रुकावट डाल करसमय और लोगों का पैसा बर्बाद करने की सख्त आलोचना की है। कैप्टन ने कहा कि शिअद और आम आदमी पार्टी ने लड़ाई का मैदान बनाकर सदन की पवित्र मर्यादा को तार- तार कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रश्न काल के दौरान लोगों के गंभीर मसले उठाए जाते हैं और इसमें विघ्न डालना संसदीय रिवायतों के पूरी तरह विपरीत है और विरोधी पक्ष को शून्य काल दौरान अन्य अहम मसले उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष द्वारा स्पीकर की कुर्सी के आगे जाकर नारेबाज़ी से लगातार रुकावट डालने के कारण सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पक्ष सदन की कार्यवाही में विघ्न डालकर लोगों के पैसो की बर्बादी कर रहा है। उन्होंने कहा कि सदन के कामकाज का एक दिन बेकार जाने से सरकारी खजाने को 70 लाख का घाटा पड़ा।