सोमनाथ मंदिर में कथित गैर हिंदू विजिटर बुक में नाम लिखने से मचे विवाद पर राहुल गांधी ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. राहुल ने कहा कि उन्होंने मंदिर की विजिटर बुक पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन बीजेपी के लोगों ने गैर हिंदू विजिटर बुक पर उनका नाम लिख दिया.
बंद कमरे में व्यापारियों की बैठक में राहुल ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी दादी और परिवार शिव भक्त रहे हैं और हैं, हम इन चीजों को निजी रखते हैं, इनके बारे में बात नहीं करते. धर्म हमारा निजी मामला है, इसके लिए हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. हम धर्म के नाम पर व्यापार नहीं करना चाहते, हम धर्म की दलाली नहीं करते. अपने धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं करते.
दरअसल, राहुल गांधी ने बुधवार को सोमनाथ मंदिर में दर्शन करने गए थे, जहां उनका नाम गैर-हिंदू दर्शनार्थियों के रजिस्टर में लिखे होने की वजह से विवाद खड़ा हो गया. क्योंकि इस रजिस्टर में सिर्फ वे लोग साइन करते हैं, जो हिंदू नहीं होते हैं. जिसके बाद बीजेपी ने राहुल गांधी के धर्म को लेकर सवाल उठाए और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था.
राहुल गांधी ने कहा, मैं आपको बताऊंगा कि कल क्या हुआ. मैं मंदिर के भीतर गया. तब मैंने विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए. उसके बाद भाजपा के लोगों ने दूसरी पुस्तिका में मेरा नाम लिख दिया.
जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहर लाल नेहरू के बीच संबंधों पर कहा कि वे कुछ राजनैतिक और विचारधारात्मक मतभेदों के बावजूद मित्र थे, लेकिन कुछ लोग यहां झूठ फैला रहे हैं कि वे दुश्मन थे. इस बात के सबूत हैं कि सरदार पटेल आरएसएस के खिलाफ थे. लेकिन कुछ लोग यहां झूठ फैला रहे हैं कि वह आरएसएस से सहानुभूति रखते थे. वे मित्र थे और साथ जेल भी गये थे.