गुरदासपुर। दुष्कर्म के मामले में कपूरथला जेल में बंद पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह को एक और झटका लगा है। उनकी तरफ से गुरदासपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज रजनीश गर्ग की अदालत ने लगाई गई जमानत याचिका फिर से खारिज कर दी गई है।
अदालत में की गई बहस के दौरान लंगाह के वकीलों ने दलील दी कि पूरा मामला राजनीतिक रंजिश से प्रेरित है। अकाली दल के बड़े कद के नेता को झूठे केस में फंसाया गया है। इसके अलावा यह दलील दी गई कि लंगाह की न्यायिक हिरासत को दो माह से अधिक समय बीत चुका है, इसलिए लंगाह को जमानत पर रिहा किया जाए। दूसरी तरफ, सरकारी पक्ष के वकीलों ने लंगाह की जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया।
उन्होंने कहा कि आइपीसी की गंभीर धाराओं के तहत लंगाह पर मामला दर्ज है। इस स्टेज पर उन्हें जमानत पर रिहा करना उचित नहीं होगा। अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुनने के उपरांत लंगाह की जमानत याचिका नामंजूर कर दी। गौरतलब है कि एसजीपीसी के पूर्व सदस्य सुच्चा सिंह लंगाह के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर 29 सितंबर को पुलिस ने दुष्कर्म की धारा 376 के अलावा 420, 384, 506 व 295ए के तहत मामला दर्ज किया था।
इसके उपरांत लंगाह भगोड़ा हो गए और पांच दिन बाद गुरदासपुर की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। वह नौ दिन तक पुलिस रिमांड पर रहे। आखिर में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। लंगाह को सुरक्षा कारणों के चलते कपूरथला की जेल में रखा गया है। सिटी पुलिस ने इस मामले में लंगाह के खिलाफ चालान भी अदालत में पेश कर दिया है।