चंडीगढ़/ श्री मुक्तसर साहिब। माघी मेले में सियासी कांफ्रेंस पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अौर कांग्रेस के बीच घमासान तेज हो गया है। श्री मुक्तसर साहिब मेें 14 जनवरी को होेने वाले माघी मेला में इस बार शिअद अकेले सियासी कान्फ्रेंस करेगा। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने सियासी कान्फ्रेंस नहीं करने की ऐलान किया है। इस पर शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनता का साथ नहीं मिलने से कांग्रेस डर गई।
बता दें कि श्री मुक्तसर साहिब में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चालीस मुक्तों की याद में 14 जनवरी को माघी मेले का आयोजन होता है। मेले में सभी राजनीतिक पार्टियां अपने कांफ्रेंस करती रही हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस और आप इसका आयोजन नहीं कर रही हैं। पिछले दिनों धार्मिक आयोजनों में सियासी कांफ्रेंस करने के विरोध में आवाज उठी थी। इसी के बाद दोनों दलों ने यह फैसला किया है।
दूसरी ओर, शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने कहा रविवार को कहा कि उनकी पार्टी की माघी मेले में सियासी कांफ्रेंस हाेगी। उन्होंने सियासी कांफ्रेंस आयोजित नहीं करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा। सुखबीर ने कहा कि कांग्रेस जनता का समर्थन नहीं मिलता देख डर गई और इस आयोजन से कदम खींच लिये। कांग्रेस को लोगों का समर्थन नहीं है और माघी मेले में उसकी कांफ्रेंस फ्लाप हो जाती।
उन्होंने कहा कि अब विरोधियों के नहीं रहने से सियासी कांफ्रेंस में उतना मजा नहीं आएगा। सियासी कांफ्रेंस में विरोधी दलों के होने पर ही करंट और जोश्ा आता है। लेकिन, जो भी हो हम जनता से रुबरू होंगे और अपनी बात उसके समक्ष रखेंगे। इस तरह के मौके लोगों से संवाद स्थापित करने के अवसर देते हैं।
पिछले दिनों श्री चमकौर साहिब में हुए शहीदी जोड़ मेला में सियासी कांफ्रेंस के आयोजन का विरोध हुआ था और किसी दल ने वहां अपनी सभा नहीं की। इसके बाद माघी मेले को लेकर भी ऐसा माहौल बना। श्ानिवार को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गुरदासपुर में घोषणा की,कि उनकी पार्टी मेला माघी में सियासी कांफ्रेंस नहीं करेगी। इसके बाद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता विपक्ष सुखपाल खैहरा ने भी साफ किया कि उनकी पार्टी भी सियासी कांफ्रेंस नहीं करेगी।
बठिंडा में थर्मल प्लांट बंद करने के विरोध में लगाए गए धरने के दौरान खैहरा ने कहा कि आप पहले से ही कहती आई है कि धार्मिक कार्यक्रमों का सियासीकरण नहीं किया जाना चाहिए। अपनी इस विचारधारा पर कायम रहते हुए पार्टी ने माघी मेला में कांफ्रेंस नहीं करेगी।
लोगों का सामना करने से भागे आप और कांग्रेस : बरकंदी
दूसरी ओर, शिअद विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी का कहना है कि श्री अकाल तख्त साहिब से ऐसा कोई फरमान जारी नहीं हुआ है। कांग्रेस और आप के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए ये दोनों पार्टियां लोगों का सामना करने से भाग रही हैं।
लोग बोले, सियासी कांफ्रेंस न करने का सराहनीय
पंजाब यूनिवर्सिटी रीजनल सेंटर के निदेशक डॉ. परमजीत धींगड़ा का कहना है कि शहीदों की शहादत की याद में लगने वाला मेला माघी धार्मिक पर्व है। इसे धार्मिक पर्व ही रहने देना चाहिए। सियासी कांफ्रेंस कर एक-दूसरे पर कीचड़ नहीं उछालना चाहिए।
साहित सत्थ के पदाधिकारी एवं साहित्यकार गुरसेवक प्रीत का कहना है कि सियासी कांफ्रेंस धार्मिक मेलों की रंगत बिगाड़ देती हैं। मुक्तसर विकास मिशन के प्रधान जगदीश राय ढोसीवाल का कहना है कि शिअद को भी सियासी कांफ्रेंस से गुरेज करना चाहिए।