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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

अर्थव्यवस्था के ‘कुप्रबंधन’ को लेकर चिदंबरम का मोदी सरकार पर हमला

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कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था के प्रबंधन को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि निकट भविष्य में आर्थिक मंदी की बुरी आशंका सच साबित हो गई है. उन्होंने कहा कि नौकरियों के सृजन में नाकामी सत्तारूढ़ भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की ‘एक बड़ी असफलता’ है.

जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुमान जारी होने के एक दिन बाद (जिसमें वित्त वर्ष 2017-18 के लिए वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है) पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे, जो हवा में उड़ गए.

उन्होंने कहा, “हाल में ही पैदा हुआ सामाजिक असंतोष आर्थिक मंदी की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति है, जिसे सरकार सुविधापूर्वक छिपा रही थी. अब वक्त आ गया है कि सरकार बड़े-बड़े दावे करने के बजाए, कुछ ठोस काम कर के दिखाए.”

चिदंबरम ने कहा कि निवेश की तस्वीर पूरी तरह से निराशाजनक है और राजकोषीय घाटा बजट अनुमानों को पार कर रहा है, जोकि जीडीपी का 3.2 फीसदी रहने का अनुमानित था. उन्होंने कहा, “अब कोई भी गलतबयानी और बयानबाजी वास्तविकता को नहीं छिपा सकती.”
उन्होंने कहा, “हमारा डर और चेतावनी सही साबित हुई है. जीडीपी की विकास दर वित्त वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 (अनुमानित) में क्रमश: 8.0 फीसदी, 7.1 फीसदी और 6.5 फीसदी है. ये आंकड़े यह साबित करते हैं कि मंदी छाई हुई है. आर्थिक गतिविधियों और विकास दर में गिरावट का मतलब लाखों नौकरियों का नुकसान है.”

उन्होंने कहा, “नई परियोजनाओं की घोषणा कम हुई है, नए निवेश काफी कम हैं, अनौपचारिक क्षेत्र अभी भी नोटबंदी के दुष्प्रभावों से उबर नहीं पाए हैं, नौकरी सृजन की हालत अत्यंत बुरी है, कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है और गांवों में विपुल निराशा है.” उन्होंने कहा, “एक निरपेक्ष आकलन से भारतीय अर्थव्यवस्था में गंभीर कमजोरियों का पता चलता है.”