चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने नियंत्रण से बाहर होती जा रही बिजली सब्सिडी को सीमित करने और इसका लाभ सीधा किसानों के खाते में डालने की तैयारी शुरू कर दी है। बिजली और कृषि विभाग ने इस संंबंध में एजेंडा तैयार कर लिया है अौर इसे बुधवार को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में पेश किया जा सकता है। एजेंडा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास मंजूरी के लिए चला गया है।
बिजली सब्सिडी किसानों के खाते में डालने की तैयारी
पंजाब सरकार किसी भी तरीके से बिजली की खपत को कम करना चाहती है आैर इसके साथ ही वह भूजल को भी बचाना चाहती है। इसके लिए ‘जे-पाल’ नाम के एनजीओ की सेवाएं ली जा रही हैं। यह एनजीओ फतेहगढ़ साहिब में दो एग्रीकल्चर फीडर पर पायलट प्रोजेक्ट चलाएगा।
सीएम ने मंजूरी दी तो 24 जनवरी को कैबिनेट में होगा पेश
बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि हमारा मकसद न केवल भूजल को बचाना है बल्कि बिजली की खपत को भी कम करना है। पायलट प्रोजेक्ट चलाकर इसमें कहां खामियां रह सकती हैं इसके बारे में पता लगाया जाएगा।
अब्दुल लतीफ जमीन पावर्टी एक्शन लैब (जे-पाल) ने इसके लिए पंजाब सरकार से एक साथ एमओयू साइन किया है। इसके लिए दो फतेहगढ़ साहिब के तीन ब्लॉक चुने गए हैं। इन ब्लॉकों के सभी टयूबवेलों पर पावर विभाग मीटर लगाएगा। किसानों की जमीन, उसके द्वारा उगाई जाने वाली फसलें और उनकी सिंचाई के लिए बिजली की जरूरत के आधार पर एक औसत निकाली जाएगी। इसके बारे में किसानों को बता दिया जाएगा