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Posted by Surinder Verma on Wednesday, June 17, 2020

97 साल की तैराक 60वें जन्मदिन के बाद पहली प्रतियोगिता में उतरीं; 16 साल वर्ग में विश्व रिकॉर्डधारी

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  • 1982 में स्वीमिंग पूल गई थीं मो कोर्नफेल्ड, कोच ने कहा था- यहां तभी तैर पाओगी, जब 50 गज तैरकर वापस आ जाओगी
  • मो के साथ तैरने वाले उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करने वाला करार देते हैं

एरिजोना. यहां रहने वालीं मो कोर्नफेल्ड (97) बेहतरीन तैराक ही नहीं बल्कि रिकॉर्डधारी हैं। बड़ी बात यह कि 60वें जन्मदिन के पहले तक उन्होंने किसी तैराकी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था। इसके बाद जब वे कॉम्पिटीशन में उतरीं तो सबको पीछे छोड़ दिया। 16 साल उम्र वर्ग की चैम्पियनशिप में मो विश्व रिकॉर्डधारी हैं। 26 बार अमेरिका का बेहतरीन समय निकाला। साथ ही उनके पास कई नेशनल चैंपियनशिप के खिताब हैं। 

हाल ही में मो ने यूएस मास्टर्स स्वीमिंग स्प्रिंग नेशनल चैंपियनशिप में 6 टाइटल अपने नाम किए। प्रतियोगिता के दौरान मो ने जैसे ही पूल में छलांग लगाई, अनाउंसर ने उन्हें टाइटेनिक करार दिया। हेड रैफरी ने भी उन्हें प्रतियोगिता का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बताया। 

‘खुद को बस तैराक मानती हूं’
मो के टीममेट्स उन्हें माइटी मो (गजब का) बताते हैं। सभी उनके तैरने की कला से चकित हैं। इस पर मो कहती हैं कि सभी बहुत अच्छे हैं। लेकिन मैं बस तैरना चाहती हूं। दुनिया के इवेंट्स में मैं किसी तरह का बदलाव नहीं चाहती। रोज बाउल एक्वेटिक सेंटर में मो की साथी नेंसी नीब्रज कहती हैं- वे मुझे हमेशा प्रोत्साहित करती रहती हैं। मैं उनके पसंदीदा व्यक्तियों में से एक हूं। जब आप उनके (मो के) साथ रहते हैं तो कुछ खास महसूस करते हैं।

पिता के स्टोर में काम करती थीं मो
मो अपने पिता के कपड़ों के स्टोर में काम करती थीं। यहां उन्होंने अजनबियों से घुलना-मिलना सीखा। मो लाइब्रेरी में काफी वक्त बिताती थीं। यहां लाइब्रेरियन ने उन्हें कला और रोमांचक किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। मो ने सोशल वर्क में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट किया, इसके बाद वे लॉस एंजिल्स चली गईं। यहां उन्होंने एक स्कूल, नेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूइश (यहूदी) विमन और बुजुर्गों के लिए काम किया।

सोशल वर्क के दौरान भी मो फिटनेस का ध्यान रखती थीं। 1982 में एक दिन वे एक स्वीमिंग पूल पहुंची। पता चला कि वह कुछ खास लोगों के लिए रिजर्व है। कोच ने बताया कि अगर उन्हें यहां तैरना है तो पूल के आखिर तक (50 गज) जाकर वापस आना पड़ेगा। मो ने यह कर दिखाया। यहीं से उनके चैंपियनशिप जीतने का सिलसिला चल पड़ा। ओलिंपिक खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुके जिम मॉन्ट्रेला कहते हैं कि मो को पानी से जुड़ाव पसंद है। अगर वे ठान लें तो किसी को भी हरा सकती हैं।