जालंधर। 6 हजार करोड़ के ड्रग्स रैकेट में घिरे पूर्व जेल मंत्री रहे सरवन सिंह फिल्लौर, उनके बेटे दमनवीर सिंह फिल्लौर और पूर्व सीपीएस अविनाश चंद्र समेत 12 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। आरोपियों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए एक्ट) के तहत मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस में आठ कंपनियों को भी नामजद किया गया।
सभी लोग मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी हैं जिन्होंने पंजाब पुलिस के डिसमिस डीएसपी जगदीश भोला से मिलकर सिंथेटिक ड्रग तस्करी से करोड़ों रुपए इकट्ठे किए थे। एन्फोर्समैंट डायरेक्टोरेट द्वारा पिछले वर्ष आरोपियों खिलाफ सीबीआई की अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत चालान पेश कर दिया था। ईडी द्वारा पेश किए गए चालान में बताया गया था कि उक्त आरोपियों ने ड्रग तस्करी से बनाए। इन पैसों से से खुद और अपनी कंपनियों के पार्टनरों के माध्यम से चल व अचल जायदाद बनाई और कंपनियों में पैसा लगाया।
पंजाब पुलिस ने वर्ष 2012-14 में ड्रग तस्करी संबंधी कई एफआईआर दर्ज की थी। ईडी द्वारा 25 मार्च 2013 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। दिसंबर 2017 में अदालत ने आरोपियों द्वारा दायर की गई जमानत याचिकाओं को भी रद्द कर दिया था। ईडी द्वारा ड्रग तस्करी केस से जुड़े लोगों की 61.62 करोड़ रुपए की कीमत वाली प्रॉपर्टीज अटैच की जा चुकी है, जिनमें शोरूम, एग्रीकल्चर लैंड, रिहायशी मकान, सात लग्जरी कारें, फिक्स डिपोजिट सहित कंपनियों के नाम पर संपत्ति भी शामिल थी।
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