चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री।
मोहाली पंजाब की 13 अलग-अलग एसोसिएशनों की सांझी एसोसिएशन जॉईंट एसोसिएशन ऑफ कॉलेजिस (जैक) की एक मीटिंग में चंडीगढ़ के जाने-माने शिक्षाविदों स. सतनाम सिंह संधु, सरप्रस्त, जैक; स. मनजीत सिंह, सरप्रस्त, जैक; स. चरणजीत सिंह वालिया, सरप्रस्त जैक; डॉ अंशु कटारिया, को-चेयरमैन, जैक और प्रेजिडेंट, पुक्का; और स. निर्मल सिंह, सीनियर वाईस प्रेजिडेंट शामिल हुए। जिसके बाद जैक के को-चेयरमैन, डॉ अंशु कटारिया ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से 2010 में एससी-एसटी विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम शुरू की गई थी जिसके अनुसार योग्य एससी विद्यार्थियों की शिक्षा का पूरा खर्च केंद्र सरकार और रा’य सरकार को करना था।स. चरणजीत सिंह वालिया ने कहा कि हर साल लगभग & लाख दलित विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठाते हैं। पंजाब सरकार ने सभी कॉलेजिस को निर्देश दिए हैं कि वह एससी विद्यार्थियों से बिना फीस लिए अपने कॉलेज में पढ़ाई करवाएं। पंजाब की 1650 संस्थाओं ने 2010 से लगातार इन विद्यार्थियों को बिना फीस लिए पढ़ाई करवाई जिस की स्कॉलरशिप कुछ साल तक जारी होती रही परंतु 2016-17 से अब तक का 1850 करोड रुपए का स्कॉलरशिप फंड कॉलेजिस को जारी नहीं हुआ है जिसके कारण पंजाब की बहुत सी शिक्षा संस्थाएं बंद हो चुकी हैं और बहुत सी बैंक डिफाल्टर हो चुकी हैं।
जैक के प्रेजिडेंट, स. जगजीत सिंह और जैक के चेयरमैन, डॉ गुरमीत सिंह धालीवाल ने कहा कि माननीय मुयमंत्री पंजाब को जारी किए एक पत्र के माध्यम से अपील की गई है कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की केंद्र की ओर से जारी &09 करोड की राशि कॉलेजिस को तुरंत जारी की जाए ताकि कॉलेजिस की ओर से मौजूदा समय में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत पढ़ रहे विद्यार्थियों से फीस लेने का फैसला वापस लिया जा सके।डॉ अंशु कटारिया ने जानकारी सांझा करते हुए अपील की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम को पहले की तरह जारी रखा जाए और यह स्पष्ट किया जाए कि इस स्कीम के तहत पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप फीस की अदायगी कौन करेगा, केंद्र करेगा या रा’य सरकार ॽ ऐसा ना होने की स्थिति में संस्थाओं ने फैसला लिया है कि इस सेशन से एससी-एसटी विद्यार्थियों को दाखिला नहीं दिया जाएगा।
जैके के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट, स. निर्मल सिंह ने बताया कि संस्थाओं का 5 बार ऑडिट हो चुका है और कॉलेजेस की ओर से कोई कमी नहीं है। उन्होंने अपील की कि 10 दिनों के अंदर-अंदर पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के विवाद की छानबीन की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। छानबीन का बहाना बनाकर 4 सालों से लटक रही स्कॉलरशिप राशि को और लेट ना किया जाए।